नई दिल्ली:- दिल्ली विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखकर भाजपा दिल्लीवासियों से जुड़े मुद्दों को चिन्हित कर उसके समाधान की रणनीति तैयार कर रही है। इन मुद्दों को संबंधित मंत्रियों और अधिकारियों के सामने उठाकर उसके समाधान की राह तलाश रहे हैं, जिससे कि दिल्ली के लोगों को अपने पक्ष में किया जा सके। मंत्रियों से मिले सुझाव के आधार पर चुनाव घोषणा पत्र में मतदाताओं से वादे किए जाएंगे।
भाजपा के सभी सांसद और पदाधिकारी दिल्ली के मुद्दों को लेकर मंत्रियों से मुलाकात कर रहे हैं। पिछले दिनों सभी सांसद व अन्य नेता प्रदेश अध्यक्ष वीरेंद्र सचदेवा के नेतृत्व में शहरी विकास मंत्री मनोहर लाल से मिले थे। उनके सामने अनधिकृत कॉलोनियों में लोगों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने, झुग्गी बस्तियों में रहने वालों को पक्का मकान देने, दिल्ली देहात की समस्याओं के समाधान सहित अन्य विषय पर चर्चा की थी। कई सांसद व नेता केंद्रीय मंत्री हरदीप सिंह पुरी, मनसुख मांडविया से मिले हैं।
अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गियों पर नजर
दिल्ली की बहुत बड़ी आबादी अनधिकृत कॉलोनियों और झुग्गी बस्तियों और दिल्ली देहात में रहती है। राजनीतिक पार्टियां इन्हें अपने साथ जोड़कर चुनावी राह सुगम बनाने के प्रयास में रहती हैं। यही कारण है कि पिछले लोकसभा चुनाव से पहले अनधिकृत कालोनियों में रहने वालों को उनकी संपत्ति का मालिकाना हक देने का वादा किया गया था। इसके लिए वर्ष 2019 में प्रधानमंत्री उदय योजना की घोषणा की गई थी, परंतु कठिन शर्त व अन्य कारणों से लोगों को इसका अपेक्षित लाभ नहीं मिला है।
प्रधानमंत्री उदय योजना को लेकर 1.23 लाख आवेदन
पिछले पांच वर्षों में लगभग 1.23 लाख लोगों ने आवेदन किए हैं। इसमें से लगभग 24 हजार लोगों को ही संपत्ति का मालिका हक मिल सका है। दिल्ली के नेताओं ने शहरी विकास मंत्री से इसकी शर्तें सरल करने की मांग की है। झुग्गीवासियों को कठपुतली कालोनी, अशोक नगर में झुग्गीवालों को शीघ्र मकान आवंटित करने की भी मांग की गई है, जिससे कि भाजपा के प्रति उनका विश्वास बढ़ सके।
रामवीर सिंह बिधूड़ी इन मुद्दों पर कर रहे काम
दक्षिणी दिल्ली के सांसद रामवीर सिंह बिधूड़ी शहरी विकास मंत्री व उपराज्यपाल से मिलकर गांवों में लाल डोरे के बाहर की आबादी को नियमित करने, 1947 में पाकिस्तान से आने वाले शरणार्थियों के भूखंड व मकान का मालिकाना हक देने, डीडीए मार्केट व आवासीय क्षेत्र में सील की गई दुकानों को डी-सील करने और पुनर्वास कोलनियों में भी मालिकाना हक देने की मांग की है।