नई दिल्ली:– केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट को बताया है कि एनसीईआरटी ने दिव्यांग बच्चों के लिए ई-सामग्री तैयार करने के सिलसिले में दिशानिर्देश जारी किये गए हैं, जो स्कूली शिक्षा के लिए लागू होंगे। सरकार ने कहा कि एनसीईआरटी ने 2022-2023 के दौरान कुछ राज्यों में शिक्षकों और अन्य हितधारकों के लिए प्रशिक्षण कार्यक्रम भी आयोजित किए हैं।
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया
केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में एक हलफनामा दाखिल किया है, जो जावेद आबिदी फाउंडेशन की याचिका पर सुनवाई कर रही है। याचिका में दिव्यांग छात्रों की ऑनलाइन कक्षाओं में अन्य छात्रों के समान भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए दिशानिर्देश जारी करने के निर्देश देने का अनुरोध किया गया है। यह मामला मंगलवार को जस्टिस बीआर गवई और जस्टिस केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आया।
केंद्र की ओर से पेश अतिरिक्त सालिसिटर जनरल ऐश्वर्या भाटी ने मामले में सरकार द्वारा दाखिल हलफनामे का हवाला दिया। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता संचिता ऐन ने एक अन्य मामले में सुप्रीम कोर्ट द्वारा आठ नवंबर को दिये गए फैसले का हवाला दिया। उस फैसले में कोर्ट ने केंद्र को तीन महीने के भीतर दिव्यांगों के लिए सुविधाएं लागू करने का निर्देश दिया था।
हिंसा से जुड़े मामलों में महिलाओं की मदद करने वाली सरकारी संस्था वन-स्टाप सेंटर (ओसीएस) के कर्मचारियों का कई महीने से वेतन नहीं जारी होने के मामले पर दिल्ली हाई कोर्ट ने दिल्ली सरकार को आड़े हाथों लिया।
बचपन बचाओ आंदोलन की पॉक्सो मामले से जुड़ी एक जनहित याचिका पर सुनवाई के दौरान मंगलवार को वीडियो कान्फ्रेंसिंग से पेश हुए दिल्ली के एडिशनल मुख्य सचिव (एसीएस) आशीष चंद्र वर्मा को अदालत ने जमकर फटकार लगाई।
कर्मचारियों को वेतन न मिलने से दिल्ली हाई कोर्ट नाराज
अदालत ने कहा कि आप कोई महाराजा नहीं है कि जब आपका मन नहीं करेगा, तब आप वेतन जारी नहीं करेंगे। मुख्य न्यायाधीश मनमोहन व न्यायमूर्ति तुषार राव गेडेला की पीठ ने मौखिक रूप से एसीएस से दो-टूक कहा कि कर्मचारियों को वेतन जारी नहीं करने वाले अधिकारियों को तुरंत निलंबित करें और उनकी जवाबदेही तय करें।
साथ ही चेतावनी दी कि आप (एसीएस) निलंबित करें वरना हम आपको निलंबित करेंगे। अदालत ने एसीएस को कर्मचारियों के लंबित वेतन को जारी करने और मामले में ताजा स्थिति रिपोर्ट पेश करने का निर्देश दिया।