छत्तीसगढ़:– पूर्व महाधिवक्ता सतीशचंद्र,वर्मा और रानू साहू की अग्रिम जमानत याचिका खारिज हो गई है। सतीशचंद वर्मा पद के दुरुपयोग में दर्ज FIR में अग्रिम जमानत याचिका लगाई थी। वहीं DMF फंड घोटाले मामले में रानू साहू की अग्रिम जमानत याचिका भी खारिज हो गई है। दोनों पक्षों की बहस सुनने के बाद फैसला सुरक्षित रखा था। ACB/EOW की विशेष जज सुनवाई के बाद दोनों अग्रिम जमानत याचिकाएं खारिज की है।
बता दें कि आय से अधिक संपत्ति के मामले में निलंबित IAS रानू साहू कि जमानत याचिका पर रायपुर स्पेशल कोर्ट में सुनवाई की गई। वहीं डीएमएफ फंड मामले में पूर्व महाधिवक्ता सतीश चन्द्र वर्मा की अग्रिम जमानत याचिका पर भी सुनवाई की गई है। ACB-EOW ने 4 नवंबर को सतीश चंद्र वर्मा के अलावा रिटायर्ड IAS आलोक शुक्ला और रिटायर्ड IAS अनिल टुटेजा के खिलाफ भी केस दर्ज किया था।
2015 में दर्ज नान घोटाले में आरोप है कि तीनों पर प्रभावों का दुरुपयोग कर गवाहों को प्रभावित करने का प्रयास किया है। इसी मामले में 2019 में ईडी ने केस दर्ज किया है, जिसकी जांच चल रही है।
आय से अधिक मामले में 15 दिन पहले हाईकोर्ट ने IAS रानू साहू की जमानत याचिका को खारिज कर दिया था। जस्टिस एन के व्यास ने आरोपों को गंभीर बताते हुए रानू को जमानत देने से इनकार कर दिया था। रानू साहू सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत के आधार पर EOW में दर्ज आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार केस में राहत देने की मांग की थी, जिसमें आरोपी रानू की ओर से कहा गया था कि इस केस में उनका कोई इन्वॉल्वमेंट नहीं है,फिर भी उन्हें फंसाया जा रहा है।
दरअसल,कोल स्कैम मामले में निलंबित IAS रानू साहू कारोबारी दीपेश टांक और सुधीर अग्रवाल को सुप्रीम कोर्ट से नियमित जमानत मिल गई है। हालांकि,नियमित जमानत मिलने के बाद भी रानू साहू जेल से बाहर नहीं आ पाई हैं। सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें ED के मनी लॉन्ड्रिंग और कोयला घोटाला से संबंधित केस में जमानत दी है,जबकि छत्तीसगढ़ की EOW ने निलंबित IAS रानू साहू के खिलाफ आय से अधिक संपत्ति और भ्रष्टाचार के तहत मामला दर्ज किया है। लेकिन वह करीब 15 महीने से जेल में बंद है।
सौम्या चौरसिया की भी अग्रिम जमानत याचिका खारिज़ आय से अधिक संपत्ति के मामले में आरोपी सौम्या की अग्रिम जमानत याचिका कोयला घोटाला के आरोप में सौम्या जेल में बंद हैं। ईडी की विशेष न्यायाधीश ने अग्रिम जमानत याचिका खारिज की है।