कोलकाता: पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने विपक्षी गठबंधन इंडिया ब्लॉक के कामकाज पर असंतोष व्यक्त किया. साथ ही संकेत दिया कि अगर मौका मिला तो वह गठबंधन की कमान संभालने की मंशा रखती हैं.तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सुप्रीमो ने कहा कि वह पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री के रूप में अपनी भूमिका जारी रखते हुए विपक्षी मोर्चे को चलाने की दोहरी जिम्मेदारी संभाल सकती हैं. उन्होंने शुक्रवार को एक चैनल न्यूज को दिए साक्षात्कार में कहा कि मैंने इंडिया ब्लॉक का गठन किया था. अब इसका प्रबंधन करने की जिम्मेदारी इसके नेतृत्वकर्ताओं पर है. अगर वे इसे नहीं चला सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं सिर्फ इतना कहूंगी कि सभी को साथ लेकर चलना होगा.’यह पूछे जाने पर कि वह एक मजबूत भाजपा विरोधी ताकत के रूप में अपनी साख के बावजूद इस ब्लॉक की कमान क्यों नहीं संभाल रही हैं, बनर्जी ने कहा, ‘अगर मुझे मौका मिला तो मैं इसका सुचारू संचालन सुनिश्चित करूंगी.’ उन्होंने कहा, ‘मैं पश्चिम बंगाल से बाहर नहीं जाना चाहती, लेकिन मैं इसे यहीं से चला सकती हूं.’भाजपा का मुकाबला करने के लिए गठित इंडिया ब्लॉक में दो दर्जन से अधिक विपक्षी दल शामिल हैं.
हालांकि, आंतरिक मतभेदों और समन्वय की कमी के कारण विभिन्न क्षेत्रों से आलोचना हो रही है. उनकी यह टिप्पणी उनके पार्टी सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा कांग्रेस और अन्य इंडिया ब्लॉक सहयोगियों से अपने अहंकार को अलग रखने और ममता बनर्जी को विपक्षी गठबंधन के नेता के रूप में मान्यता देने का आह्वान करने के कुछ दिनों बाद आई है.भाजपा ने महाराष्ट्र में शानदार प्रदर्शन किया और रिकॉर्ड संख्या में सीटें हासिल कीं. इससे पार्टी के नेतृत्व वाले सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन को भारी जीत मिली. जबकि झारखंड में झामुमो के शानदार प्रदर्शन के दम पर इंडिया ब्लॉक ने जोरदार वापसी की.कांग्रेस ने अपनी हार का सिलसिला जारी रखा, महाराष्ट्र में उसका अब तक का सबसे खराब प्रदर्शन रहा तथा झारखंड में वह सत्तारूढ़ झामुमो की कनिष्ठ सहयोगी बनकर रह गई.
विपक्षी खेमे में उसकी भूमिका और भी कम हो गई, क्योंकि अन्य सहयोगी दलों ने उससे बेहतर प्रदर्शन किया.ममता ने कहा- उत्तराधिकारी पर फैसला पार्टी करेगी, मैं नहींतृणमूल कांग्रेस में आंतरिक संघर्ष के बीच पश्चिम बंगाल की सीएम ममता बनर्जी ने कहा कि उनके उत्तराधिकारी के बारे में कोई भी निर्णय व्यक्तिगत रूप से नहीं बल्कि पार्टी नेतृत्व द्वारा सामूहिक रूप से किया जाएगा. चर्चा है कि टीएमसी में वरिष्ठ और युवा नेताओं के बीच उत्तराधिकारी को लेकर मतभेद है.शुक्रवार को बंगाली न्यूज चैनल को दिए साक्षात्कार में बनर्जी ने व्यक्तिगत प्रभुत्व की धारणा को खारिज करते हुए कहा, ‘मैं पार्टी नहीं हूं, हम पार्टी हैं. यह एक सामूहिक परिवार है और निर्णय सामूहिक रूप से लिए जाएंगे.’अपने संभावित उत्तराधिकारी के बारे में पूछे जाने पर बनर्जी ने साक्षात्कारकर्ता से ही उल्टा सवाल पूछ लिया, ‘आपका उत्तराधिकारी कौन है?’ उन्होंने आगे स्पष्ट किया कि टीएमसी एक अनुशासित पार्टी है, जहां कोई भी व्यक्ति अपनी शर्तें तय नहीं कर सकता.
उन्होंने कहा, ‘पार्टी तय करेगी कि लोगों के लिए क्या सबसे अच्छा है. हमारे पास विधायक, सांसद, बूथ कार्यकर्ता हैं, यह एक संयुक्त प्रयास है.’पार्टी में पुराने बनाम नये की बहस पर बनर्जी ने संतुलित रुख अपनाते हुए कहा कि हर कोई महत्वपूर्ण है. आज का नया व्यक्ति कल का अनुभवी होगा. हालांकि टीएमसी ने आधिकारिक तौर पर उत्तराधिकार की कोई योजना घोषित नहीं की है, लेकिन बनर्जी की टिप्पणी ममता बनर्जी के प्रति वफादार माने जाने वाले पुराने नेताओं और अभिषेक बनर्जी के करीबी माने जाने वाले अगली पीढ़ी के नेताओं के बीच चल रही खींचतान के बीच आई है.ममता बनर्जी ने इंडिया ब्लॉक से दूरी बनाने की बात स्वीकार कीपश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने एक स्थानीय टेलीविजन चैनल को दिए इंटरव्यू में कहा कि अगर जरूरत पड़ी तो वह बंगाल से ही इंडिया गठबंधन चला सकती हैं. पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री इंडिया ब्लॉक के हालिया घटनाक्रम से खासी नाखुश हैं.
साथ ही ममता बनर्जी ने यह भी स्पष्ट किया कि वह अभी भी क्षेत्रीय दलों के साथ संबंध बनाए रखने में अहम भूमिका निभा रही हैं. जब इंडिया गठबंधन का मुद्दा उठा तो ममता बनर्जी ने कहा, “मैंने इंडिया ब्लॉक बनाया था. तो गठबंधन के सदस्य एकमत क्यों नहीं हो सकते? अगर वे गठबंधन के लिए संबंध नहीं बनाए रख सकते तो मैं क्या कर सकती हूं? मैं इस मोर्चे का नेतृत्व नहीं करती. जो नेता हैं, उन्हें इस पर गौर करना चाहिए. लेकिन सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय दल मेरे संपर्क में हैं. मैंने अब तक उस संबंध को बनाए रखा है.” एक बार फिर ममता बनर्जी ने खुलासा किया कि गठबंधन में कई लोग उन्हें पसंद नहीं करते.तृणमूल कांग्रेस सुप्रीमो ने महाराष्ट्र चुनाव को लेकर भी खुलकर बात की. उन्होंने कहा, “भाजपा का काम देश में विभाजन पैदा करना है। चुनाव में हार के लिए कई लोग जिम्मेदार हैं. वोटों की धांधली भी एक बड़ी वजह है. महाराष्ट्र में भाजपा अकेले दम पर बहुमत न मिलने के कारण संकट में है. पार्टी इस समय दो गुटों के समर्थन से सरकार चला रही है, जिन्हें दूसरी दो पार्टियों से निकाल कर लाया गया है. निजी तौर पर मुझे इस बात पर बहुत संदेह है कि यह सरकार कितने दिन चलेगी.”