नई दिल्ली:- त्वचा पर गांठ या उभार आम समस्या हो सकती है, लेकिन इसे हल्के में नहीं लेना चाहिए. सही जानकारी और समय पर इलाज से आप बड़ी परेशानियों से बच सकते हैं. अगर कोई गांठ असामान्य लगे या लंबे समय तक बनी रहे, तो डॉक्टर की सलाह लेना सबसे अच्छा कदम है.
त्वचा पर गांठ और उभार: सामान्य क्या है और असामान्य क्या
हमारी त्वचा हमारे शरीर का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण भाग है क्योंकि यह ना सिर्फ हमें बाहरी खतरों से बचाती है बल्कि कई बार शरीर में होने वाली समस्याओं के संकेत भी देती हैं. ये संकेत कभी-कभी त्वचा पर गांठ या उभार के रूप में भी नजर आ सकते है.
शरीर के किसी भी हिस्से में गांठ या उभार के नजर आने पर हम अक्सर चिंतित हो जाते हैं, जो स्वाभाविक है. क्योंकि त्वचा में यह बदलाव कभी-कभी सामान्य होते हैं वहीं कभी-कभी किसी बड़ी समस्या का संकेत भी हो सकते हैं. इसलिए यह समझना जरूरी है कि कौन सी तथा किस तरह की गांठ सामान्य होती हैं और किन पर तत्काल ध्यान देना चाहिए.
त्वचा पर गांठ के कारण
त्वचा पर उभार या गांठ किसी भी उम्र में हो सकती है. यह छोटे मच्छर के काटने से भी हो सकती हैं वहीं कभी-कभी यह किसी गंभीर रोग का संकेत भी हो सकती है. दिल्ली के चर्म रोग विशेषज्ञ डॉ. सूरज भारती बताते हैं कि त्वचा पर गांठ अक्सर सूजन, संक्रमण, वसा जमा होने, या सिस्ट के कारण बनती हैं. सामान्य अवस्था में कुछ प्रकार की गांठ समय के साथ अपने आप ठीक हो जाती हैं, वहीं कुछ के लिए चिकित्सा देखभाल की जरूरत होती है.
वह बताते हैं कि त्वचा पर गांठों के प्रकार या उनकी गंभीरता को समझने के लिए गांठ की स्थिति, रंग, आकार और अन्य लक्षणों को देखना जरूरी है. कुछ गांठ, जैसे त्वचा पर मांसल उभार या वसा की गांठ , अक्सर हानिरहित होती हैं. वहीं यदि गांठ के स्थान पर त्वचा का रंग बदल कर लाल, बैंगनी या गहरा होने लगे, उसमें तेज दर्द हो, गांठ का आकार बढ़ रहा हो या उसमें से तरल पदार्थ निकल रहा हो तो इन स्थितियों में तत्काल डॉक्टर से संपर्क करना चाहिए, क्योंकि कभी-कभी बार यह संक्रमण या कैंसर जैसे रोग का लक्षण भी हो सकती हैं.
वह बताते हैं कि गांठों के लिए आमतौर पर जो कारण सबसे ज्यादा सामने आते हैं उनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
एलर्जी या कीड़े का काटना: मच्छर या मधुमक्खी के काटने से त्वचा पर सूजन और लाल गांठ बन सकती है.
फॉलिकल्स का बंद होना: बालों की जड़ों में गंदगी जमा होने से छोटे उभार बन सकते हैं.
सिस्ट या सिस्टिक एक्ने: ये तरल या मवाद से भरी थैलियां होती हैं, जो हार्मोनल बदलाव के कारण हो सकती हैं. कभी कभी इनमें काफी ज्यादा दर्द भी हो सकता है.
स्किन व स्तन कैंसर: स्तन में गांठ को ब्रेस्ट कैंसर के सबसे आम लक्षण में माना जाता है. वहीं कई दुर्लभ मामलों में स्किन कैंसर में भी त्वचा पर गांठ नजर आ सकती है.
त्वचा पर चोट या संक्रमण: चोट लगने के बाद भी कई बार उस स्थान पर गांठ बन जाती है. यह बहुत आम है.
गांठों की रोकथाम कैसे करें
डॉ. सूरज भारती बताते हैं कि शरीर के किसी भी हिस्से में होने वाली गांठ को कभी भी नजर अंदाज नहीं करना चाहिए. अगर गांठ सामान्य है उसमें दर्द या उस स्थान पर त्वचा की रंगत में बदलाव नहीं है लेकिन वह लंबी अवधि तक त्वचा पर बनी रहे और अपने आप ठीक ना हो रही हो तो भो एक बार चिकित्सक को उसे जरूर दिखा लेना चाहिए.
इसके अलावा त्वचा पर आम कारणों से बनने वाली गांठों को कई बार कुछ सामान्य सावधानियों का ध्यान रख कर भी रोका जा सकता है , जिनमें से कुछ इस प्रकार हैं.
साफ-सफाई का ध्यान रखें.
घर से बाहर निकलते समय सनस्क्रीन का उपयोग करें ताकि त्वचा पर सूरज का प्रभाव कम हो.
त्वचा को मॉइस्चराइज करें और अच्छी डाइट लें.
त्वचा पर हल्की गांठों के उभरने पर उन्हे खुद से न छेड़ें, आदि…