ग्वालियर : उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ रविवार को ग्वालियर आए. इस दौरान उन्होंने सिंधिया पैलेस में लगे एशिया के सबसे बड़े झूमर को देखा. शाही लंच भी किया और विजिटर बुक में ख़ास मैसेज सिंधिया परिवार के लिए छोड़ा. धनखड़ ने ग्वालियर में जियोसाइंस म्यूज़ियम का उद्घाटन किया. इसके बाद उपराष्ट्रपति ने सपत्नीक सिंधिया राजघराने की विरासत को बारीकी से देखा. इस दौरान केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया गाइड की भूमिका में दिखाई दिए.
ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिखायी चांदी की ट्रेन
स्थानीय कार्यक्रमों के बाद उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़, राज्यपाल मंगूभाई पटेल, विधानसभा अध्यक्ष नरेंद्र सिंह तोमर, मुख्यमंत्री मोहन यादव मंत्रियों के साथ केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य के शाही महल जयविलास पैलेस पहुंचे. जहां सिंधिया और उनकी पत्नी ने सभी का स्वागत किया. इसके बाद सिंधिया ने सभी को जयविलास पैलेस का टूर कराया. सिंधिया ने जयविलास पैलेस के इतिहास के बारे में जानकारी दी. इसके साथ ही मेहमानों को आकर्षक चांदी की डाइनिंग ट्रेन दिखायी. ये चांदी की ट्रेन विशेष महमानों को भोजन परोसने के काम करती है और इसके लि विशेष पटरियों का पूरा मैकेनिज्म है.
झूमर देखते रह गए उपराष्ट्रपति सहित सभी मेहमान
महल भ्रमण पर सबकी निगाहें उस आकर्षण पर टिकी, जो महल के दरबार हॉल की छत पर है. ये झूमर एशिया के सबसे बड़े झूमर में है. इसके इतिहास के बारे में उपराष्ट्रपति और सभी महमानों को सिंधिया ने विस्तार से जानकारी दी. साढ़े 3 टन वजनी ये झूमर करीब सवा सौ साल पहले सिंधिया महल में लगा था और इन्हें लगवाने से पहले छत की मजबूती जांचने के लिए 10 दिन तक एक साथ 8 हाथियों को छत पर खड़ा किया गया था. इन झूमरों पर सबकी निगाहें टिकी रह गईं.
जय विलास पैलेस में किया रॉयल लंच
केंद्रीय मंत्री सिंधिया ने जयविलास पैलेस में ही उपराष्ट्रपति, राज्यपाल, मुख्यमंत्री समेत कैबिनेट मंत्रियों को भोजन भी कराया. उपराष्ट्रपति धनखड़ उनकी पत्नी और सभी मेहमानों ने शाही खानसामों द्वारा तैयार पकवानों का लुत्फ उठाया, जिसमें उन्हें सादा नेपाली एवं मराठी भोज में विभिन्न प्रकार के व्यंजन परोसे गए. जैसे, नेपाली आलू, बड़ौदा पुलाव, सोल कड़ी, कुरकुरी भिंडी, लौकी कोफ़्ता कड़ी, श्रीखण्ड जैसे व्यंजन.
उपराष्ट्रपति ने की सिंधिया घराने के इतिहास की तारीफ
आखिर में जब महल का भ्रमण पूर्ण हुआ तो उपराष्ट्रपति ने रवाना होने से पहले विज़िटर बुक में अपने अनुभव लिखकर सिंधिया राजघराने के लिए विचार व्यक्त किए. उपराष्ट्रपति धनखड़ ने लिखा- “हमारी सभ्यता के खजाने का प्रबुद्ध प्रदर्शन दिखा जयविलास में. प्रत्येक कलाकृति हमारी संस्कृति के प्रति गहरी प्रतिबद्धता को दर्शाती है. यह विरासत सोने की खान है, जो ऐतिहासिक परिप्रेक्ष्य को प्रेरित करती है, एक दिशात्मक दृष्टिकोण को दर्शाती है, जिसका हम अनुकरण करने की उम्मीद करते हैं. मैं महल से अधिक जानकारी के साथ निकला हूं, मुझे इस इतिहास के बारे में और ज़्यादा जानने, समझने की जिज्ञासा है