नई दिल्ली:- कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाड्रा फिलिस्तीन के लोगों के प्रति एकजुटता प्रकट करते हुए सोमवार को एक ऐसे हैंडबैग के साथ संसद पहुंची जिस पर ‘फिलिस्तीन’ लिखा हुआ था. वह कई मौकों पर गाजा में इजरायल की सैन्य कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती और फलस्तीनियों के साथ एकजुटता जाहिर करती रही हैं. उन्होंने जो हैंडबैग लिया हुआ था उस पर अंग्रेजी में ‘पेलेस्टाइन’ लिखे होने के साथ फिलिस्तीन से जुड़े कई प्रतीक भी बने हुए थे.
इस तस्वीर को कांग्रेस प्रवक्ता शमा मोहम्मद ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर पोस्ट किया. भाजपा ने इसे मुस्लिम वोटों के लिए तुष्टिकरण करार दिया है. केंद्रीय मंत्री एसपी सिंह बघेल ने कहा कि प्रियंका मुस्लिम वोट के तुष्टिकरण के लिए फिलिस्तीन लिखा बैग लेकर आई हैं.
साथ ही सोशल मीडिया पर यूजर्स भी तरह-तरह के कमेंट्स उन्हें ट्रोल कर रहे हैं. एक यूजर ने कहा कि ‘विजय दिवस’ पर हमास जैसे संगठन का समर्थन करना अच्छा नहीं है, जिस दिन पूर्व प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी के नेतृत्व में भारत ने पूर्वी पाकिस्तान में पाकिस्तानी सेना को हराया था. प्रियंका गांधी इंदिरा गांधी की पोती हैं.
बता दें कि प्रियंका गांधी पहले से ही गाजा में जारी इजरायल की कार्रवाई के खिलाफ आवाज उठाती रही हैं और फिलिस्तीनियों के प्रति समर्थन जाहिर करती रहती हैं. जून में, प्रियंका ने इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू की आलोचना की थी. उन्होंने कहा था कि गाजा में इजरायल सरकार पर ‘नरसंहारकारी’ करने का आरोप लगाया था. प्रियंका ने कहा था कि गाजा में हो रहे ‘भयानक नरसंहार’ में दिन-प्रतिदिन मारे जा रहे नागरिकों, माताओं, पिताओं, डॉक्टरों, नर्सों, सहायताकर्मियों, पत्रकारों, शिक्षकों, लेखकों, कवियों, वरिष्ठ नागरिकों और हजारों मासूम बच्चों के लिए आवाज़ उठाना अब पर्याप्त नहीं है.
एक्स पर एक पोस्ट में उन्होंने कहा था,’यह हर सही सोच वाले व्यक्ति की नैतिक जिम्मेदारी है, जिसमें वे सभी इजरायली नागरिक भी शामिल हैं जो नफरत और हिंसा में विश्वास नहीं करते हैं और दुनिया की हर सरकार की जिम्मेदारी है कि वे इजरायल सरकार के नरसंहार की निंदा करें और उन्हें रोकने के लिए मजबूर करें.’ गांधी ने कहा था कि सभ्यता और नैतिकता का दावा करने वाली दुनिया में उनके काम नाकाबिले कबूल हैं