धमतरी:- छत्तीसगढ़ में निकाय और पंचायत का चुनाव होना है. निकाय चुनाव और त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए सरकार की तरफ से आरक्षण को मंजूरी दी गई थी. इसके तहत साय कैबिनेट ने त्रि-स्तरीय पंचायत एवं नगरीय निकाय चुनावों में आरक्षण की सीमा को बढ़ाया था. जिसमें अन्य पिछड़ा वर्ग का आरक्षण 50 फीसदी करने का फैसला किया गया. ओबीसी वर्ग का यह आरक्षण पहले 25 फीसदी तक था. इसकी सिफारिश अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग ने की थी.
आरक्षण के फैसले में क्या है जानिए?: आरक्षण के फैसले को लेकर कैबिनेट ने यह निर्णय लिया था कि जिन इलाकों में SC, ST वर्ग के लिए कुल रिजर्वेशन 50 प्रतिशत या उससे अधिक है. वहां पर अन्य पिछड़ा वर्ग यानि की ओबीसी वर्ग का आरक्षण शून्य होगा. दूसरी तरफ जहां एससी और एसटी वर्ग का आरक्षण 50 फीसदी से कम है. वहां पर ओबीसी वर्ग को आरक्षण में 50 फीसदी का फायदा मिलेगा.
आरक्षण के लिए रखी गई थी शर्त: इसके लिए एक शर्त यह भी रखी गई थी कि इस तरह के आरक्षण के लिए उस निकाय में ओबीसी वर्ग की जनसंख्या अनुपात अधिक न हो. आरक्षण का यह प्रावधान आरक्षित पदों जिला पंचायत अध्यक्ष, नगर निगम महापौर, नगर पालिका अध्यक्षों पर भी लागू होगा. इसको छत्तीसगढ़ नगर पालिक अधिनियम 1956 (संशोधन) अध्यादेश-2024 के तहत मंजूरी दी गई थी. 28 अक्टूबर 2024 को कैबिनेट की मीटिंग में इस पर मुहर लगी थी. आरक्षण की प्रक्रिया पंचायत स्तर पर 19 दिसंबर तक लागू करने
आदेश दिया गया था.
पंचायत स्तर पर आरक्षण
लगी रोक: 19 दिसंबर तक पंचायत स्तर पर आरक्षण प्रक्रिया को लागू करने का आदेश आया था जिसे अब स्थगित कर दिया गया है. लगा त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए होने वाले आरक्षण को स्थगित किया गया है. इसकी वजह छत्तीसगढ़ शासन की तरफ से नहीं बताई गई है. ग्रामीण विकास विभाग के संयुक्त सचिव के तरफ से इसपर रोक लगाई गई है.
सर्व आदिवासी समाज का आरक्षण के मसौदे पर विरोध: सर्व आदिवासी समाज ने त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए कैबिनेट की तरफ से आरक्षण को लेकर जो मसौदा तैयार किया गया है. उसके ऊपर उन्होंने एतराज जताया है. सर्व आदिवासी समाज के जिला अध्यक्ष जीवराखन मरई ने कहा कि आरक्षण के लिए साल 2011 के जनगणना को आधार माना जाए. अगर 2024 की वर्तमान जनसंख्या के आधार पर आरक्षण का फैसला किया जा रहा है तो आदिवासी समाज के लिए भी इस फॉर्मूले को लागू किया जाए. अगर ऐसा नहीं होता है तो त्रिस्तरीय पंचायत में आरक्षण पूर्व की भांति रखा जाए
आरक्षण के लिए सभी समाजों के लिए एक ही आधार होना चाहिए-जीवराखन मरई, जिला अध्यक्ष, सर्व आदिवासी समाज, धमतरी
धमतरी कलेक्टर ने क्या कहा?: धमतरी कलेक्टर नम्रता गांधी ने कहा कि आरक्षण को लेकर जो भी निर्णय है. वह शासन स्तर पर लिया जा रहा है. सर्व आदिवासी समाज की मांगें शासन स्तर की मांगें हैं. इनकी मांगों को शासन से अवगत कराया जाएगा.
सभी लोगों से धैर्य बनाने की अपील करती हूं. प्रदर्शन के दौरान धैर्य बनाए रखें- नम्रता गांधी, कलेक्टर, धमतरी
सर्व आदिवासी समाज ने शासन स्तर पर अपना विरोध जताया है. अब देखना होगा कि सरकार और जिला प्रशासन की तरफ से कब फैसला होता है. अभी फिलहाल त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव के लिए आरक्षण लागू करने की प्रक्रिया स्थगित है.