नई दिल्ली:– आपने शराब पीने वालों के मुंह से ज़रूर सुना होगा कि वो पैग बनाकर इसे पीते हैं. आमतौर पर शराब पीने के लिए लोग 30 मिलीलीटर या 60 मिलीलीटर के पैग बनाते हैं पर आखिर इसे पैग क्यों कहते हैं?
भारत समेत कुछ देशों में ‘पैग’ शब्द का इस्तेमाल शराब परोसने के लिए करते हैं. आखिर पैग शब्द शराब की माप की इकाई कैसे बन गया? इसके पीछे एक दिलचस्प कहानी है.
पेग शब्द का अर्थ बताया जाता है- ‘शाम का कीमती गिलास’. पेग का शाब्दिक अनुवाद ब्रिटेन में खनिकों की एक पुरानी कहानी से संबंधित है. हालांकि ये सिर्फ एक कहानी है, जिसकी पुष्टि नहीं की जा सकती. ऐसा माना जाता है कि दिन भर के काम के बाद, खनिकों के पेय को ‘कीमती शाम का गिलास’ कहा जाता था
खनिकों को कठोर सर्दी से बचाने के लिए ब्रांडी की एक छोटी बोतल दी गई. वे उसे ग्लास में डाल कर पीते थे. उनके लिए ये ग्लास बहुत कीमती था. बाद में से ही PEG कहा जाने लगा. एक छोटे पैग का मतलब है 30 एमएल शराब और बड़े पैग का मतलब है 60 एमएल. इसके आगे पटियाला पैग होता है, जो 90 ml का है.
अलग-अलग पैग मापने के भी कारण हैं – एक छोटा और एक बड़ा. दरअसल, शराब पीने के बाद हमारा शरीर शराब की पहचान एक जहरीले पदार्थ के रूप में करता है. वो इसे बाहर फेंकना चाहता है फिर हमारे शरीर के विभिन्न हिस्से अन्य रसायनों का उत्पादन करने के लिए शराब को तोड़ते हैं. 30 मिलीलीटर शराब धीरे-धीरे पीने से हमारा शरीर इसे तेजी से पचा सकता है.
इस 30 से 60 मिलीलीटर साइज़ का एक कारण ये है कि अधिकांश शराब की बोतलें 750 एमएल की होती हैं. नतीजतन, शराब का हिसाब-किताब रखने के लिए 30 और 60 मिलीलीटर के पैग सुविधाजनक होते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि खुद ब्रिटिशर्स शराब को 25 मिलीलीटर और 50 मिलीलीटर में मापते हैं