नई दिल्ली:- सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए वेतनायोग एक महत्वपूर्ण विषय है. सातवें वेतनायोग के बाद से कर्मचारी नए वेतन आयोग का इंतजार कर रहे हैं. आठवें वेतनायोग को लेकर चर्चाएं तेज हो गई हैं. कर्मचारियों के बीच भी आठवें वेतनायोग को लेकर उत्साह बढ़ गया है.
क्या होता है वेतन आयोग और क्या है इसका महत्व
वेतन आयोग का गठन सरकारी कर्मचारियों के वेतन, भत्ते और सेवा शर्तों में संशोधन के लिए होता है. कर्मचारियों के जीवन स्तर को सुधारने और उनके भविष्य को आर्थिक रूप से मजबूत बनाने में आयोग की अहम भूमिका होती हैं. आयोग सरकारी नौकरी के प्रति आकर्षित बनाने में भी सहयोगी है. खास बात है कि बढ़ती महंगाई के दौर में वेतन आयोग की आवश्यकता और बढ़ गई है. कर्मचारियों की खरीदने की शक्ति को कम होने से बचाने के लिए वेतनायोग जरुरी है. साल 1946 में पहली बार वेतन आयोग गठित की गई थी. तब से अब तक सात वेतनायोग गठित किए जा चुके हैं.
पेंशनभोगियों के लिए भी महत्वपूर्ण है आठवां वेतन आयोग
आठवां वेतनायोग पेंशनभोगियों के लिए अहम है. इससे न सिर्फ उनकी पेंशन में वृद्धि होती है बल्कि उनके जीवन का स्तर भी बदलता है. आठवां वेतनायोग पदोन्नति के अवसर प्रदान करता है. कर्मचारियों के करियर में वेतनायोग से नई दिशा मिलती है. उनका मनोबल बढ़ता है और उनके कार्यक्षमता में भी निखार आता है.
आठवें वेतन आयोग में कितने रुपये बढ़ सकते हैं
आठवां वेतन आयोग अगर लागू होता है तो कर्मचारियों की सैलरी में कितने रुपये की बढ़ोत्तरी होगी. यह सबसे अहम है. वर्तमान में सरकारी कर्मचारियों की न्यूनतम वेतन 18 हजार रुपये हैं. उम्मीद है कि आठवें वेतन आयोग के बाद सैलरी बढ़ाकर 26 हजार से 30 हजार रुपये तक बढ़ाई जा सकती है.
वेतन आयोग इसलिए अहम है
आठवां वेतन आयोग सरकारी कर्मचारियों और पेंशनभोगियों के लिए महत्वपूर्ण है. इससे न सिर्फ उनका वेतन बढ़ेगा बल्कि उनके जीवन स्तर को भी बदलवेगा.