नई दिल्ली:- वाईएसआरसीपी सांसद विजयसाई रेड्डी ने शुक्रवार को ऐलान किया है कि वह सक्रिय राजनीति से दूर रहेंगे और आज राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा देने की योजना बना रहे हैं. उन्होंने कहा कि उनका भविष्य का लक्ष्य किसानी पर केंद्रित होगा. वाईएस परिवार के करीबी सहयोगी रेड्डी ने साफ किया कि वह किसी अन्य राजनीतिक दल में शामिल नहीं होंगे. उन्होंने जोर देकर कहा कि राजनीति से संन्यास लेने का उनका फैसला पूरी तरह से व्यक्तिगत है और किसी दबाव या प्रभाव में नहीं लिया गया है.
उन्होंने कहा,’मैं राजनीति छोड़ रहा हूं, मैं कल यानी 25 तारीख को राज्यसभा की सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं. मैं किसी राजनीतिक पार्टी में शामिल नहीं होऊंगा. मैं किसी अन्य पद, लाभ या धन की उम्मीद में इस्तीफा नहीं दूंगा. यह फैसला पूरी तरह से मेरा है. मुझ पर कोई दबाव नहीं था. रेड्डी ने एक एक्स पोस्ट में कहा,’किसी ने मुझे प्रभावित नहीं किया.
पीएम मोदी और अमित शाह को बोला धन्यवाद
रेड्डी ने सांसद के रूप में अपने कार्यकाल के दौरान उनके समर्थन के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह का आभार व्यक्त किया. उन्होंने कहा,’लगभग 9 वर्षों तक मुझे प्रोत्साहित करने, मुझे अपार शक्ति और साहस देने और तेलुगु राज्यों में मुझे पहचान दिलाने के लिए प्रधानमंत्री मोदी और गृह मंत्री अमित शाह का विशेष धन्यवाद.
इन लोगों को भी कहा शुक्रिया
उन्होंने वाईएसआर परिवार को शुभकामनाएं दीं, जिसने लगभग चार दशकों तक उनका साथ दिया है और कहा,’मैं वाईएस परिवार का कर्जदार हूं, जिन्होंने चार दहाइयों और तीन पीढ़ियों तक मुझ पर विश्वास किया और मेरा साथ दिया.’ उन्होंने आगे कहा,’मुझे दो बार राज्यसभा सदस्य बनने का मौका देने के लिए मैं जगन गारू का हमेशा आभारी रहूंगा और मुझे इतने ऊंचे स्तर पर ले जाने के लिए भारतम्मा गारू का भी शुक्रगुजार हूं. मैं जगन गारू को शुभकामनाएं देता हूं.’
कौन हैं विजयसाई रेड्डी
67 वर्षीय विजयसाई आंध्र प्रदेश की राजनीति कें केंद्रीय रोल में रहे हैं. साथ ही पूर्व मुख्यमंत्री वाईएस राजशेखर रेड्डी और उनके बेटे जगन मोहन रेड्डी के विश्वसनीय सहयोगी रहे हैं. उन्होंने 2016 में राज्यसभा सदस्य के तौर पर अपनी यात्रा शुरू की. परिवहन, पर्यटन और संस्कृति पर संसदीय स्थायी समिति के अध्यक्ष और वाईएसआर कांग्रेस पार्टी के राष्ट्रीय महासचिव के तौर पर कार्य किया. अपने राजनीतिक सफर पर विचार करते हुए रेड्डी ने टीडीपी के साथ वैचारिक मतभेदों को स्वीकार किया, लेकिन एन चंद्रबाबू नायडू के परिवार के साथ सम्मानजनक व्यक्तिगत संबंध बनाए रखे. उन्होंने जन सेना पार्टी के नेता पवन कल्याण के साथ अपनी पुरानी दोस्ती पर भी प्रकाश डाला.