नई दिल्ली:– महाकुंभ मेला क्षेत्र में बीते बुधवार को हुई भगदड़ की घटना के एक दिन बाद प्रदेश की योगी सरकार ने भीड़ को नियंत्रित करने और श्रद्धालुओं की सुरक्षा सुनिश्चित करने के प्रयास और तेज कर दिए। इस बीच, बीते बुधवार को भी बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं का मेला क्षेत्र में आना जारी है। बीते बुधवार तड़के हुई भगदड़ की घटना का यहां आ रहे श्रद्धालुओं पर कोई खास असर दिखाई नहीं दे रहा।
इस बीच, पुलिस अधीक्षक (यातायात) अंशुमान मिश्रा ने बताया कि मेले में भीड़ कम होने तक वाहनों की आवाजाही पर रोक रहेगी। उन्होंने बताया कि इसके साथ ही जब तक भीड़ मेला क्षेत्र से बाहर नहीं निकल जाती, बाहर की गाड़ियों को शहर में प्रवेश की अनुमति नहीं होगी, हालांकि उच्च स्तर पर अधिकारी स्थिति को देखकर वाहनों के प्रवेश की अनुमति दे सकते हैं। मिश्रा ने स्पष्ट किया कि पुलिस प्रशासन, एंबुलेंस, ‘सक्शन’ मशीन की गाड़ी आदि के प्रवेश को बनाए रखा जाएगा क्योंकि इनके बिना मेले का सुचारू संचालन नहीं हो सकेगा।
वहीं घने कोहरे में कम दृश्यता के बीच महिलाएं, बच्चे और बुजुर्ग लगातार विभिन्न घाटों की तरफ जाते हुए दिखाई दिए। इनमें से कई श्रद्धालु कंबल ओढ़कर घाट की ओर जा रहे थे, जबकि कई लोग रास्ते में रुककर अलाव ताप कर ठंड से बचने का प्रयास कर रहे थे।
आज उत्तर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार भगदड़ की घटना की जांच के लिए यहां आने वाले हैं। इस घटना में 30 लोगों की मृत्यु हो गई थी और 60 लोग घायल हो गए थे।
जानकारी दें कि, प्रदेश की योगी सरकार व्यवस्थाओं को और दुरुस्त करने के लिए कुंभ मेला 2019 में सेवाएं दे चुके वरिष्ठ अधिकारियों आशीष गोयल और भानु गोस्वामी को भी महाकुंभ मेले में तैनात करेगी। पिछले कुंभ के दौरान आशीष गोयल प्रयागराज के मंडलायुक्त थे, जबकि गोस्वामी प्रयागराज विकास प्राधिकरण के उपाध्यक्ष थे।
तब मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा था कि इनके अलावा, पांच विशेष सचिव स्तर के अधिकारियों को भी मेले की ड्यूटी में लगाया जा रहा है। ये सभी 12 फरवरी तक प्रयागराज में रहेंगे। बुधवार को मौनी अमावस्या पर 7.64 करोड़ लोगों ने गंगा और संगम में डुबकी लगाई। यह किसी एक दिन डुबकी लगाने वाले श्रद्धालुओं की सबसे अधिक संख्या है।