नई दिल्ली:– शिक्षकों के तबादलों को लेकर हिमाचल सरकार बड़े बदलाव की तैयारी में है। म्यूचुअल आधार पर तबादले बंद हो सकते हैं। म्यूचुअल आधार में दो शिक्षक एक-दूसरे के स्थान पर तबादला करवा लेते हैं, यानी इससे पहले कि सरकार उन्हें बदले, वे पहले ही पसंदीदा स्कूल चुन लेते हैं। इसके चलते उन्हें घर से दूर नौकरी करने नहीं जाना पड़ता। शिक्षा विभाग की बैठक में इस पर रोक लगाने का निर्णय हुआ है।
मंत्रिमंडल की बैठक में होगा अंतिम निर्णय
अब प्रस्ताव मंत्रिमंडल की बैठक में जाएगा और इस पर अंतिम निर्णय लिया जाएगा। प्रदेश में लगभग 80 हजार शिक्षकों के तबादलों पर पहली अप्रैल को प्रतिबंध हटेगा। सरकार केवल उन्हीं शिक्षकों के तबादले करेगी, जिनका कार्यकाल तीन वर्ष व इससे अधिक का हो गया होगा।
पिछले वर्ष बीच सत्र में शिक्षकों के तबादलों पर प्रतिबंध लगाया था। पहली अप्रैल से शिक्षकों के सामान्य तबादलों की प्रक्रिया शुरू होगी। इसके लिए भी उन्हें 15 से 20 दिन का ही समय दिया जाएगा। इसमें अब और बदलाव किया जा रहा है।
शिक्षा मंत्री के साथ बैठक में हुई थी चर्चा
बीते सप्ताह शिमला स्थित राज्य सचिवालय में शिक्षा मंत्री रोहित ठाकुर की अध्यक्षता में विभाग की समीक्षा बैठक में इस मामले पर विस्तृत चर्चा की गई। शिक्षा मंत्री ने अधिकारियों से उनकी राय जानी थी।
इसमें अधिकारियों ने कहा कि तीन वर्ष का कार्यकाल पूरा करने वालों का ही तबादला किया जाए। यदि आपसी सहमति से तबादलों की अनुमति दे दी जाती है तो कहीं पर शिक्षक अधिक हो जाएंगे व कहीं पर कम। विभाग इस मामले को मंत्रिमंडल की बैठक में रखेगा।
यह बदलाव भी होगा
शिक्षकों का सामान्य तबादला भी आसानी के साथ नहीं होगा। शिक्षा विभाग स्कूलों में तैनात शिक्षकों की संख्या के आधार पर ही तबादले का निर्णय लेगा, ताकि जिस स्कूल से तबादला हो रहा है, वहां कोई पद रिक्त न रह जाए। विद्यार्थियों की पढ़ाई बाधित न हो।
इसके लिए पूरी स्थिति का जायजा लेने के बाद ही तबादला आदेश जारी किए जाएंगे। एक बार तबादला हो जाने के बाद शिक्षकों को तय समय में नियुक्ति देनी होगी। इसके बाद दोबारा तबादलों पर प्रतिबंध लगा दिया जाएगा।
सही साबित हुआ था निर्णय
हिमाचल में शिक्षा के स्तर में सुधार लाने के लिए सरकार ने शैक्षणिक सत्र के बीच में शिक्षकों का तबादला न करने का निर्णय लिया था। बीते वर्ष 25 जुलाई को शिक्षकों के तबादलों पर रोक लगाई थी।
शिक्षा में गुणात्मक सुधार के लिए गए सख्त निर्णय के सकारात्मक परिणाम सामने आने लगे हैं। असर की रिपोर्ट में तीसरी और पांचवीं कक्षा में हिमाचल के विद्यार्थी देशभर में अव्वल आए हैं।