नई दिल्ली:– सरकार आवास विहीन परिवारों को आवास योजना का लाभ देने के लिए सर्वे करा रही है, ताकि इसका सही लाभ उचित लोगों को मिल सके। वहीं, दूसरी ओर सर्वे में भी पैसे के लेन-देन का मामला सामने आने लगा है। ताजा मामला प्रखंड के रामपुर गांव से सामने आया है।
नाम जोड़ने के बदले पैसे की मांग
रामपुर निवासी राजाराम समेत अन्य ग्रामीणों ने पीएम आवास में नाम जोड़ने के लिए पैसा मांगने का आरोप लगाया है। इसको लेकर ग्रामीणों ने हस्ताक्षर युक्त आवेदन देकर बीडीओ से शिकायत की है।
आवेदन में ग्रामीणों ने कहा है कि रामपुर पंचायत के मुखिया प्रतिनिधि के आदमी रामपुर गांव के दलित बस्ती में विगत दिनों घर-घर घूम कर पीएम आवास में नाम जोड़ने को लेकर पैसे की मांग कर रहे थे।
पैसा नहीं देने पर नाम हटाने की धमकी
मुखिया के आदमी द्वारा पैसा नहीं देने पर सूची से नाम हटाने की धमकी भी दी जा रही थी। ग्रामीणों ने कहा कि विरोध करने पर वह भाग गया। पीएम आवास में नाम जोड़ने के लिए पैसा मांगने को लेकर ग्रामीणों में आक्रोश व्याप्त है।
ग्रामीणों ने बीडीओ को लिखित आवेदन देकर कार्रवाई करने की मांग की है। प्रखंड विकास पदाधिकारी मिथिलेश बिहारी वर्मा ने बताया कि ग्रामीणों ने लिखित आवेदन दिया है। आवेदन के आलोक में मामले की जांच कर उचित कार्रवाई की जाएगी।
सिवान: पीएम आवास योजना में पारदर्शिता लाने के लिए टीम का हुआ गठन
जिला स्तरीय अनुश्रवण समिति की बैठक में जिलाधिकारी द्वारा दिए गए निर्देश के आलोक में प्रधानमंत्री आवास योजना प्रतीक्षा सूची से छूटे योग्य लाभुकों का सर्वेक्षण आवास प्लस 2.0 पर मिशन मोड में किया जा रहा है।
पंचायत स्तर पर पीएम आवास योजना में पारदर्शिता लाने व गरीब मजदूर इस योजना से वंचित नहीं हों, इसके लिए बीडीओ आनंद प्रकाश सिंह द्वारा प्रखंडस्तरीय पदाधिकारियों की एक टीम गठित की गई है।
टीम का गठन इसलिए किया गया है कि विभागीय दिशा-निर्देश के आलोक में योग्य लाभुकों का नाम आवास प्लस पर जोड़ा जा सके। वहीं सर्वेक्षण के लिए ग्रामीण आवास सहायक व पंचायत रोजगार सेवक को लगाया गया है।
ये सभी पदाधिकारी अपने आवंटित पंचायतों में प्रतिदिन किसी भी समय रैंडम पंचायत का भ्रमण करेंगे। साथ ही सर्वेक्षण की प्रक्रिया को सूक्ष्मता से अनुश्रवण करते हुए क्षेत्र भ्रमण का फोटो प्रखंड के प्रखंड एडमिनिस्ट्रेशन ग्रुप में भेजना सुनिश्चित करेगें।