नई दिल्ली:– विधानसभा चुनाव में भाजपा ने 70 में से 48 सीट पर जीत हासिल की है. इसी के साथ 27 साल के बाद भाजपा दिल्ली में सरकार बनाने जा रही है. दिल्ली विधानसभा चुनाव में इस बार आम आदमी पार्टी के कई बड़े नेताओं को हार का सामना करना पड़ा है. इसमें पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल, मनीष सिसोदिया, सत्येन्द्र जैन और सौरभ भारद्वाज जैसे नेता हैं.
वहीं, दूसरी तरफ बीजेपी दिल्ली में सत्ता में वापसी करने में सफल रही है. इसके बाद अब सभी की निगाह इस बात पर लगी हुई है कि पार्टी किसे मुख्यमंत्री बनाएगी. इस रेस में फिलहाल 7 लोगों के नाम चल रहे हैं. आइये जानते हैं कि वो कौन से नाम हैं और क्यों उनकी दावेदारी मजबूत है.
- प्रवेश सिंह वर्मा
इस लिस्ट में पहला नाम पूर्व सीएम साहिब सिंह वर्मा के बेटे प्रवेश वर्मा का है. वो पश्चिमी दिल्ली से लगातार दो बार सांसद रह चुके हैं. उन्होंने 2019 में 5.78 लाख वोट से चुनाव जीता था, जो दिल्ली के इतिहास में सबसे बड़ी जीत थी. इस बार उन्होंने दिल्ली के पूर्व सीएम सीएम अरविंद केजरीवाल को 4099 वोट से हराया है.
प्रवेश सिंह वर्मा बचपन से ही संघ से जुड़े रहे हैं. उन्होंने अभी तक सभी चुनावों में जीत हासिल की है. वो इस बार लोकसभा चुनाव में नहीं लड़े रहे. माना जा रहा है कि बीजेपी ने रणनीति के तहत उन्हें दिल्ली विधानसभा में मौका दिया है. बीजेपी जाट सीएम बनाकर बीजेपी हरियाणा में नॉन-जाट मुख्यमंत्री वाली नाराजगी को कम करने की कोशिश कर सकती है. बीजेपी जाट नेता को मुख्यमंत्री बनाकर किसान आंदोलन को दबाने की कवायद कर सकती है.
- मनोज तिवारी
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से मनोज तिवारी लगातार तीसरी बार लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं. 2024 लोकसभा चुनाव में बीजेपी ने दिल्ली के 7 में से 6 सांसदों के टिकट काट दिए थे, लेकिन मनोज तिवारी को पार्टी ने फिर से टिकट दिया था. वो 2016 से 2020 तक दिल्ली बीजेपी के अध्यक्ष रहे हैं. पूर्वांचल वोटर्स के बीच मनोज तिवारी काफी ज्यादा लोकप्रिय हैं. 8 महीने बाद बिहार में चुनाव हैं. ऐसे में बीजेपी उन्हें भी मुख्यमंत्री बना सकती है.
- मनजिंदर सिंह सिरसा
मनजिंदर सिंह सिरसा 2013 और 2017 में शिरोमणि अकाली दल के टिकट पर विधानसभा चुनाव जीत चुके हैं. इसके बाद वो तीसरी बार राजौरी गार्डन से विधायक चुने गए. वो 2021 में शिरोमणि अकाली दल छोड़ बीजेपी में शामिल हो गए. इसके बाद अगस्त 2023 में भाजपा के राष्ट्रीय मंत्री बनाए गए. वो दिल्ली में सिख समुदाय के बड़े नेता हैं. वहीं, मनजिंदर सिंह सिरसा को आगे करके बीजेपी पंजाब में पकड़ मजबूत कर सकती है.
- स्मृति ईरानी
बीजेपी स्मृति ईरानी को भी आगे कर सकती है. वो 2010 से 2013 तक भाजपा महिला मोर्चा की राष्ट्रीय अध्यक्ष रहीं हैं. 2014 में लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी वो मंत्री बनीं. 2019 में उन्होंने राहुल गांधी को हराया था. वो एक बड़ा महिला चेहरा हैं. बीजेपी में इस समय कोई महिला मुख्यमंत्री हैं. ऐसे में
स्मृति को सीएम बना बीजेपी महिलाओं को मैसेज दे सकती है.
- विजेंद्र गुप्ता
विजेंद्र गुप्ता ने रोहिणी विधानसभा सीट से लगातार तीसरी बार चुनाव जीता है. वो दो बार दिल्ली विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष रहे हैं. इसके अलावा 2015 में जब बीजेपी के दिल्ली विधानसभा में केवल 3 विधायक थे, तो उनमें से एक विजेंद्र गुप्ता थे. वो दिल्ली में बीजेपी अध्यक्ष रह चुके हैं. इसके अलावा उनकी संघ और संगठन में मजबूत पकड़ है.
- मोहन सिंह बिष्ट
मोहन सिंह बिष्ट ने 1998 से 2015 तक लगातार 4 बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की थी. हालांकि 2015 में उन्हें कपिल मिश्रा से हार का सामना करना पड़ा था. वो 2020 में फिर से विधायक चुने गए. बीजेपी ने 2025 में उनकी सीट बदलकर मुस्लिम बहुल मुस्तफाबाद से लड़ाया. यहां से भी उन्होंने जीत हासिल की. मोहन बिष्ट की संघ और संगठन में पकड़ अच्छी है.उनका पहाड़ी क्षेत्रों में अच्छा प्रभाव हैं.
- वीरेंद्र सचदेवा
वीरेंद्र सचदेवा 2007-2009 तक चांदनी चौक और 2014 से 2017 तक मयूर विहार भाजपा जिला अध्यक्ष रहे. इसके बाद 2009-2012 तक दिल्ली भाजपा प्रदेश मंत्री, 2012 से 2014 तक दिल्ली भाजपा के प्रशिक्षण प्रभारी और राष्ट्रीय भाजपा प्रशिक्षण दल के सदस्य भी रहे. वो 2020 से 2023 तक प्रदेश उपाध्यक्ष रहे. वीरेंद्र सचदेवा 2023 में ही दिल्ली बीजेपी के प्रदेश अध्यक्ष बने.