नई दिल्ली:- टैक्स सिस्टम को आसान बनाने के लिए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने केंद्रीय बजट 2025 में टीडीएस और टीसीएस में महत्वपूर्ण बदलावों की घोषणा की थी. ये बदलाव 1 अप्रैल, 2025 से प्रभावी होंगे. इन सुधारों का उद्देश्य अनावश्यक जटिलताओं को समाप्त करके आम करदाताओं और व्यवसायों पर कर का बोझ कम करना है.
इन बदलावों के साथ करदाताओं को कर कटौती और संग्रह के मामले में एक आसान प्रक्रिया का अनुभव होगा. खासकर विदेश में पैसा भेजने, उच्च मूल्य की खरीदारी करने और व्यावसायिक लेनदेन को संभालने जैसे क्षेत्रों में. इसके साथ केंद्र सरकार का लक्ष्य परेशानियों को कम करना और अधिक कुशल और पारदर्शी कर प्रणाली सुनिश्चित करना है.
करदाताओं को क्या जानना चाहिए?
TDS की नई सीमाएं- इस साल के बजट में ब्याज आय, किराए के भुगतान और अन्य महत्वपूर्ण लेन-देन पर TDS सीमा को रिजनेबल बनाने का प्रस्ताव किया गया था. इसका उद्देश्य बार-बार होने वाली कर कटौती को कम करना, नकदी प्रवाह को सुचारू बनाना और अनावश्यक कटौती को कम करना है.
विदेश में पैसा भेजने में राहत- TCS-फ्री सीमा 7 लाख रुपये से बढ़ाकर 10 लाख रुपये कर दी गई है. चाहे बच्चों की शिक्षा के लिए, परिवार के खर्च के लिए या अन्य उद्देश्यों के लिए अब आप बिना TCS के 10 लाख रुपये तक विदेश भेज सकते हैं. इसके अलावा यदि पैसा शिक्षा लोन के माध्यम से भेजा जाता है, तो कोई TCS लागू नहीं होगा.
व्यापारियों के लिए अच्छी खबर- 50 लाख रुपये से अधिक की बिक्री पर TCS समाप्त कर दिया गया है. 1 अप्रैल, 2025 से व्यवसायों को अब उच्च-मूल्य वाली बिक्री पर 0.1 फीसदी TCS काटने की आवश्यकता नहीं होगी. यह बदलाव नकदी प्रवाह में सुधार करेगा और व्यापारियों के लिए कर अनुपालन को सरल करेगा.
गैर-फाइलर्स के लिए अब अधिक टीडीएस/टीसीएस नहीं- पहले, जो व्यक्ति आयकर रिटर्न दाखिल नहीं करते थे, उन्हें अधिक टीडीएस/टीसीएस कटौती का सामना करना पड़ता था. बजट 2025 में आम करदाताओं और छोटे व्यवसायों को अत्यधिक कर दरों से राहत देने के लिए इस प्रावधान को हटाने का प्रस्ताव है.
टीसीएस जमा करने में देरी पर अब जेल जाने का डर नहीं- पहले समय पर टीसीएस जमा न करने पर 3 महीने से लेकर 7 साल तक की सजा और जुर्माना हो सकता था. बजट 2025 में इस नियम में संशोधन किया गया है, जिससे यह सुनिश्चित हो गया है कि अगर तय समय के भीतर लंबित टीसीएस जमा किया जाता है तो कोई कानूनी कार्रवाई नहीं की जाएगी.