नई दिल्ली :– आधुनिक जीवन में विज्ञान ने क्रांति ला दी है, और हमारे आसपास मौजूद कई आविष्कार इसका प्रमाण हैं. इनमें से कुछ आविष्कार इतने सामान्य होते हैं कि हम उनकी उपयोगिता को तब तक नहीं पहचान पाते जब तक कि हम उनके बिना जीवन की कल्पना नहीं करते. विज्ञान और इंजीनियरिंग के संयोजन से बनी इन अद्भुत चीजों को देखने के लिए कारखाने से बेहतर जगह और कोई नहीं हो सकती. आपने अक्सर कारखानों की छत पर गोल घूमती हुई चीज देखी होगी. क्या आपने कभी सोचा है कि आखिर वो क्या है?
ये स्टील के गोल पंखे केवल सजावट के लिए नहीं हैं. उनका जरूरी काम भी है. इसकी वजह से मजदूरों का काम और फैक्ट्री में उनकी स्थिति भी बेहतर होती है. छत पर लगे ये स्टील के पंखे टर्बो वेंटिलेटर होते हैं, जिन्हें एयर वेंटिलेटर, टर्बाइन वेंटिलेटर या रूफ एक्सट्रैक्टर जैसे विभिन्न नामों से भी जाना जाता है. कारखानों तक ही सीमित नहीं, ये वेंटिलेटर अब शॉपिंग मॉल, बड़े स्टोर और यहां तक कि रेलवे स्टेशनों जैसी जगहों पर भी आम हैं.
फैक्ट्री की छत पर क्या लगा होता है?
अब, आइए जानें कि ये टर्बो वेंटिलेटर कैसे काम करते हैं. उनके कामकाज का सिद्धांत एक बुनियादी वैज्ञानिक सिद्धांत पर आधारित है- गर्म हवा, ठंडी हवा की तुलना में हल्की होने के कारण ऊपर उठती है. जैसे ही एक कमरे या किसी भी स्थान में गर्म हवा भर जाती है, वो ऊपर उठती है, जिससे तापमान गर्म हो जाता है. टर्बो वेंटिलेटर इस गर्म हवा को खत्म करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.
ऐसे काम करते हैं ये वेंटिलेटर
घूमते समय, ये वेंटिलेटर अंदर की गर्म हवा को ऊपर खींचते हैं और उसे कुशलतापूर्वक बाहर निकाल देते हैं. जैसे ही गर्म हवा बाहर निकलती है, ये खिड़कियों और दरवाजों से ठंडी, भारी हवा को अंदर खींचती है, जिससे अंदर काम करने वाले लोगों के लिए एक अधिक सहज वातावरण बनता है. इसके अलावा, ये वेंटिलेटर दुर्गंध और ज्यादा नमी को दूर करने में मदद करते हैं, खासकर मानसून के मौसम में, जिससे कार्यस्थल में काम करना मजदूरों के लिए आसान होता है और काम का अनुभव सुखद बनता है. क्या आपको इसके बारे में पहले जानकारी थी?