मऊगंज:- मऊगंज हिंसा कांड में एक सनसनीखेज खुलासा हुआ है। पुलिस ने इस मामले में एक यूट्यूब चैनल से जुड़े पत्रकार रफीक को हिरासत में लिया है। माना जा रहा है कि शनिवार को हुई हिंसा एक बडी साजिश का हिस्सा थी और उसमें कथित रूप से रफीक की भी भूमिका है।
पुलिस रफीक और अन्य लोगों से पूछताछ कर रही है। रफीक के मोबाइल से जो वीडियो मिले हैं उससे जाहिर होता है उसने आरोपियों को भड़काया और युवक की हत्या करने के लिए उन्मादी बनाया। इसके चलते जनजातीय परिवार ने सवर्ण युवक की हत्या कर दी। इसके बाद पुलिसकर्मियों पर हमला किया गया और उस हिंसा में एक एएसआई की मौत हो गई।
इस बीच हिंसाग्रस्त क्षेत्र में तीसरे दिन शांति रही लेकिन तनाव बना हुआ है। हिंसा में लिप्त लोगों की धरपकड़ में पुलिस जुटी हुई है। जानकारी के मुताबिक पुलिस ने अब तक पत्रकार रफीक के अलावा क्षेत्र के सरपंच एवं उपसरपंच समेत 12 लोगों को हिरासत में लिया है।
हिंसा के कारणों को लेकर स्थानीय पुलिस अभी ज्यादा बात नहीं कर रही है। पहली प्राथमिकता हिंसा ग्रस्त गडरा गांव में शांति बहाली की है। हिंसा में घायल टीआई संदीप भारती, तहसीलदार कुमारे लाल पनिका एवं अन्य घायल पुलिसकर्मियों का उपचार चल रहा है।
कथित पत्रकार रफीक की संदिग्ध भूमिका
बताया जा रहा है कि इस घटना की पृष्ठभूमि रफीक ने तैयार की थी। इसके प्रमाण उसके मोबाइल से पुलिस को मिले हैं। हिंसा के दौरान रफीक भी घटनास्थल पर ही मौजूद था। प्रत्यक्षदर्शियों के अनुसार वह जनजातीय परिवार को यह कहते हुए उकसा रहा था कि आज पुलिस की होली है लिहाजा पुलिसकर्मी होली खेलने में व्यस्त होंगे। इसलिए बदला लेने का अच्छा मौका है।
रफीक के मोबाइल से मिले एक वीडियो में कमरे में बंद युवक की कुछ लोग पिटाई कर रहे हैं, उस समय रफीक लाइव वीडियो बना रहा था। बंधक युवक की हत्या की साजिश पहले ही रच ली गई थी इसलिए वारदात का दिन ऐसा चुना गया जब अधिकांश पुलिसकर्मी रंग खेलने में व्यस्त थे।
20 साल में ऐसा खौफनाक मंजर नहीं देखा
मऊगंज हिंसा में घायल थाना प्रभारी संदीप भारती ने बताया कि पुलिसकर्मी तड़पते रहे और लोग बेरहमी से पीटते रहे। अपने 20 साल के करियर में मैंने ऐसा खौफनाक मंजर नहीं देखा। हम सोच कर गए थे कि भोले-भाले ग्रामीण हैं, समझाने से मान जाएंगे, हमें अंदाज ही नहीं था कि इस कदर मारपीट और पत्थरबाजी होगी कि हमारे एक साथी की जान चली जाएगी। भारती को सिर पर गहरी चोट के कारण 10 से अधिक टांके लगे हैं।
बलिदान हुए एएसआई के परिजनों से मिले डीजीपी
प्रदेश के पुलिस महानिदेशक कैलाश मकवाना ने सोमवार को सतना के पवैया गांव में बलिदानी एएसआई रामचरण गौतम के परिवार से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। शहीद के बेटों, बड़े भाई रामजी से परिवार की स्थिति जानी। बलिदानी की पत्नी पुष्पा गौतम को हर संभव सहायता का आश्वासन दिया।
एक करोड़ की सहायता राशि देगी सरकार
श्री मकवाना ने परिजनों को बताया कि प्रदेश सरकार ने कर्तव्य निर्वहन में बलिदान हुए एएसआई रामचरण गौतम के परिवार को एक करोड़ रुपए की सहायता राशि देने की घोषणा की है। साथ ही परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाएगी।
बेटे के विवाह की तैयारी में जुटे थे स्व. गौतम
हिंसा के दौरान शहीद हुए 25वीं बटालियन भोपाल के एएसआई रामचरण गौतम का अंतिम संस्कार उनके पैतृक गांव पवैया में राजकीय सम्मान के साथ किया गया। श्री गौतम अपने बेटे की शादी की तैयारी कर रहे थे। वे इसी साल अक्टूबर महीने में रिटायर होने वाले थे। परिवार वालों की मांग है कि आरोपियों को फांसी हो।