रायपुर :- रायपुर सहित दूसरे जिलों में अधिकतम तापमान 44 डिग्री से 45 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. भीषण गर्मी को देखते हुए चश्मा बाजार भी सज चुका है.चश्मा बाजार में लोकल के साथ ब्रांडेड चश्में की डिमांड है.क्योंकि तेज चिलचिलाती धूप में चश्मों से ही आंखों को राहत मिलती है.
गर्मी के दिनों में आंखों में समस्या : गर्मी के दिनों में आंखों से पानी आना,ड्राइनेस होना, आंखों में जलन होना इस तरह की समस्याएं होती है. ऐसे में लोगों को सनग्लास चश्मे पहनने से राहत मिलती है. सनग्लास चश्मा पहनने के साथ ही लोगों को हेलमेट का भी इस्तेमाल करना चाहिए, ताकि तेज गर्मी से आंखों को बचाया जा सके. आई स्पेशलिस्ट की माने तो गर्मी के दिनों में तेज धूप में बाहर निकलना है तो पोटोप्रोमेटिक चश्मे को अच्छा माना गया है.चश्मा दुकानदार सरफराज अली ने बताया कि “पिछले कुछ दिनों से भीषण गर्मी पड़ रही है. ऐसे में सूर्य की तेज किरणों से बचने के लिए सनग्लास चश्मा भी पहनना जरूरी है. खासतौर पर गर्मी के दिनों में तेज धूप से बचने के लिए लोग चश्मा का इस्तेमाल करते हैं.
सूर्य की तेज किरणों के साथ ही गर्म हवा और धूल मिट्टी को आंखों में जाने से चश्मा बचाता है. डार्क कलर के चश्मे लोग ज्यादा पसंद कर रहे हैं. क्योंकि गर्मी बढ़ी हुई है. रात में चलने के लिए लोग व्हाइट कलर का चश्मा भी पसंद करते हैं. बाजार में 100 रुपए से लेकर लगभग 800 रुपए तक के चश्मे बाजार में उपलब्ध हैं. शहर में अधिकतम तापमान 44 से 45 डिग्री के आसपास पहुंच गया है. इस वजह से मार्केट में डार्क चश्मा की डिमांड ज्यादा है. ज्यादातर ग्राहक 100 रुपए से लेकर 300 रुपए तक के चश्मे ज्यादा खरीदते हैं- सरफराज अली,चश्मा विक्रेता
चश्मा दुकानदार संजय झमनानी ने बताया कि अभी भीषण गर्मी का प्रकोप चल रहा है. ऐसे में ग्राहक को चाहिए कि वह सनग्लास डार्क और अल्ट्रावायलेट वाला चश्मा ही पहनें. धूप से अपनी आंखों को बचाने के लिए यह चश्मा ज्यादा सूटेबल है. उन्होंने बताया कि मिड ब्रांड का चश्मा 700 रुपए से लेकर 2000 रुपए तक के उपलब्ध हैं. रेबन और दूसरे अन्य ब्रांड के चश्मा की कीमत लगभग जो डेढ़ हजार से लेकर ढाई हजार रुपए तक के चश्मा मिल जाएंगे.
गर्मी में यूवीरेस की वजह से यहां आंखों को प्रभावित करती है. इससे हेडेक माइग्रेन जैसी समस्या देखने को मिलती है. चश्मे का उपयोग हर वर्ग के लोगों को करना चाहिए. जो मोतियाबिंद से प्रभावित हैं उनको भी काफी राहत मिलती है. जो लोकल कंपनी के चश्मे हैं. वह आंखों को गर्म करेगा. अच्छी और ब्रांडेड कंपनी के चश्मे आंखों को ठंडकता प्रदान करते हैं- संजय झमनानी, चश्मा विक्रेता
वहीं नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉक्टर अशोक चांडक ने बताया कि गर्मी के दिनों में आंखों में एलर्जी ड्राइनेस के साथ ही आंखों का लाल होना, आंखों में पानी आना, खुजली होना जैसी समस्या होने लगती है. तेज गर्मी में बिना चश्मा के बाहर घूमने पर आंखों में जल्द ही ड्राइनेस की समस्या देखने को मिलती है. ऐसे में लोग घर से बाहर निकलते हैं तो प्लेन चश्मा पहनकर ही घर से बाहर निकले.
कंप्यूटर और मोबाइल का वर्किंग अगर ज्यादा है तो लुब्रिकेटिंग आई ड्रॉप्स का इस्तेमाल करें, जो लोग इस समय मोबाइल और कंप्यूटर का वर्क ज्यादा करते हैं उनको अपनी आंखों के पलकों को बार-बार झपकाना चाहिए. इसके साथ ही 5 से 10 मिनट के बाद अपना ध्यान कंप्यूटर और मोबाइल से हटा देना चाहिए. पावर के चश्मे नहीं लगे हैं तो प्लेन चश्मा जरूर पहनें. जिससे आंखों में होने वाली परेशानी से बचा जा सकता है. कंप्यूटर और मोबाइल से निकलने वाली किरणों से बचाव हो सकता है- अशोक चांडक, नेत्र रोग विशेषज्ञ
गर्मी के दिनों में चश्मा इस्तेमाल करने वाले लोगों को कुछ चीजों का ध्यान रखना चाहिए.जैसे अच्छे UV सुरक्षा वाले ही चश्मों का इस्तेमाल करना चाहिए.ताकि आंखों को खतरनाक पराबैंगनी किरणों से बचाया जा सके.क्योंकि अक्सर देखा गया गया है यूवी किरणें, विशेष तौर पर UVB और UVA आंखों को सबसे ज्यादा नुकसान पहुंचाती हैं.इन किरणों की वजह से आंखों में बीमारियां होती हैं.जिनमें मोतियाबिंद और अंधापन शामिल है.
कैसे करें आंखों की सुरक्षा
यूवी सुरक्षा स्तर: ऐसे धूप के चश्मे की तलाश करें जिन पर 100% यूवीए और यूवीबी किरणों को रोकने या यूवी400 सुरक्षा प्रदान करने का लेबल लगा हो. यह हानिकारक विकिरणों से सुरक्षित रखता है.
लेंस की गुणवत्ता: उच्च गुणवत्ता वाली सामग्री से बने लेंस का चयन करें, जैसे कि पॉलीकार्बोनेट या ट्राइवेक्स, जो बेहतर प्रभाव प्रतिरोध और स्पष्टता देते हैं.
फ़्रेम स्टाइल: यूवी किरणों से बचने के लिए रैपअराउंड फ्रेम वाले सनग्लास चुनें. ये डिजाइन धूल के कण और मलबे को आंखों में जाने से रोकता है.
ध्रुवीकृत लेंस: पानी, रेत और सड़क जैसी सतहों से आने वाली चमक को कम करने के लिए ध्रुवीकृत लेंस का उपयोग करें, ताकि दृष्टि बाधित ना हो.