कटघोरा- : मामले का संक्षिप्त विवरण इस प्रकार है कि पुलिस अधीक्षक महोदय कोरबा भोजराज पटेल द्वारा अवैध गतिविधियों के विरूद्ध अभियान चलाकर कार्यवाही करने हेतु निर्देशित किये जाने पर अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक कोरबा तथा अनुविभागीय अधिकारी कटघोरा के मार्गदर्शन में थाना कटघोरा में थाना प्रभारी निरीक्षक नवीन देवांगन के नेतृत्व में सतत् कार्यवाही जारी है, इसी तारतम्य में आज दिनांक 31.12.2021 को जरिये मुखबीर सूचना मिली कि बलराम केंवट पिता कार्तिकराम उम्र 22 वर्ष साकिन बिंझवार मोहल्ला छुरी थाना कटघोरा जिला- कोरबा (छ.ग.)द्वारा चोरी का डोजिंग पंप ग्राम छुरी-बिंझपुर जाने वाली रोड़ पर ग्राहक खोज रहा है कि सूचना पर थाना प्रभारी नवीन देवांगन के हमराह प्रधान आर 334, आर 379, 782 ग्राम छुरी गए, जहां साक्षी 1. परदेशी सोनी पिता जीवराखन सोनी उम्र 40 वर्ष सा0 छुरी, 2. प्रकाश चेलकर पिता होरीलाल उम्र 29 वर्ष सा0 छुरी के मिले, जिन्हे साथ लेकर मुखबीर द्वारा बताये गये संदेही बलराम की तलाश हेतु ग्राम बिंझपुर जा रहे थे कि बिंझपुर पहुचने के पहले आरोपी बलराम केंवट अपने हाथ में डोजिंग पंप रखकर ग्राहक का इंतजार कर रहा था जिसे साक्षीगणों तथा स्टाप के साथ घेराबंदी करके पकड़े उससे पुछने पर अपना नाम बलराम केंवट पिता कार्तिकराम उम्र 22 वर्ष साकिन बिंझवार मोहल्ला छुरी थाना कटघोरा का निवासी होना बताया जिससे डोजिंग पंप के विषय में धारा 91 जा0फौ0 की नोटिस देकर दस्तावेज डोजिंग पंप का पेश करने को बोला गया जो किसी भी प्रकार का दस्तावेज नहीं होना, नोटिस में लेख कर दिया जो चोरी के संदेह पर आरोपी बलराम केंवट पिता कार्तिकराम उम्र 22 वर्ष साकिन बिंझवार मोहल्ला छुरी थाना कटघोरा जिला कोरबा के द्वारा ग्राम बिंझपुर मेन रोड़ पर पेश करने पर एक डोजिंग पंप कम्निस कंपनी का जिसका नम्बर बीई 122190049 कीमत करीबन 60 हजार रूपये की मुताबिक जप्ती पत्रक के साक्षी परदेशी सोनी, प्रकाश चेलकर के समक्ष धारा 41(1-4) जा0फौ0/379 भादवि में जप्त कर पुलिस कब्जे लिया गया आरोपी बलराम केंवट पिता कार्तिकराम उम्र 22 वर्ष साकिन बिंझवार मोहल्ला छुरी थाना कटघोरा का उक्त कृत्य अपराध धारा सदर का घटित करना पाये जाने से आज दिनांक 31.12.2021 के 14ः30 बजे गिरफ्तार कर बंद हवालात किया गया चेक लिस्ट तैयार की गई आरोपी के खिलाफ इस्तगाशा क्रमांक 11/2021 धारा-41(1-4) जा0फौ0/379 भादवि का तैयार किया गया। बरामद सामान के वास्तविक मालिक की तलाश की गई, किंतु पता नहीं चला। वास्तविक मालिक की पतासाजी हेतु समय की नितांत आवश्यकता होने से आरोपी का न्यायिक रिमांड तैयार कर न्यायालय पेश किया गया।