महिला बाल विकास अधिकारी रीतेश दुबे वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ प्रकृति पूर्वज महापुरुषों की विधिवत पूजन अर्चन कर पीपल वृक्षों को बड़े भीट तालाब शहडोल में रोपित कर धरा श्रृंगार करते हुए वैदिक मान्यताओं का व्याख्यान कर वर्तमान वैश्विक आपदाओं शोक दुखों से मुक्ति का माध्यम बताया जिस पर ब्रह्मा विष्णु महेश सहित संपूर्ण देवी देवताओं का वास होता है। मान्यता तो यहां तक है भगवान कृष्ण खुद कहते हैं-
मैं वृक्षों में पीपल ऋषियों में नारद हूं:
जिस वृक्ष में मूले विष्णु स्थितयों नित्यम स्कंधे केशव एवच।
नारायणस्तु यत्रयेशु भगवान हरि:।।
पीपल अन्य विभिन्न क्षीरी (दूध वाले वृक्षों) की तरह दीर्घायु देव वृक्ष है अनेक पर्वों में जिसकी पूजा भी होती है बरगद और गूलर वृक्ष की भाती पीपल गुप्त पुष्पक वृक्ष है बीजों के बारीक होने के बावजूद भी विशालकाय वृक्ष का उत्पत्ति कारक हैं जिसकी ऊंचाई बीस फिट तक होती है। पीपल के पेड़ को पानी देने से व्यक्ति जन्म जन्मान्तरों के पापों से मुक्ति पाते है पीपल वृक्ष की महिमा तो यहां तक है कि सेवा से संतान प्राप्ति तक का वरदहस्त है।
वरिष्ठ अधिवक्ता बी एस पांडेय ने अपने उद्बोधन में बताया कि पीपल अपने आप में अनूठा वृक्ष है जो अन्य पेड़ों सूर्य के प्रकाश में आक्सीजन ग्रहण कर रात्रि में कार्बन-डाई-ऑक्साइड छोड़ते हैं के विपरीत अनवरत चौबीसों घंटे हमें ऑक्सीजन प्रदान करते हुए प्रकृति का सहयोगी है।
धार्मिक मान्यतानुसार पीपल की पूजा हर रोज करनी चाहिए क्योंकि अलग-अलग दिन अलग- देवी-देवताओं का स्नेह आशीर्वाद प्राप्त होता है भगवान कृष्ण मानव कल्याण निमित्त पीपल पेड़ के नीचे गीता का ज्ञान दिया था।
सुश्रुत,चरक संहिता में वर्णित औषधीय गुणों से परिपूर्ण पीपल जहरीले साप या अन्य जीव जंतुओं के काटने पर जहर को बेअसर करने के लिए पीड़ित व्यक्ति को कोमल पत्तों के रस को दो-दो बूंद थोड़ी थोड़ी देर में पिलाने के साथ कोमल पत्तियों को मुख में डालते रहने से विषाक्तता कम होती है।सूर्योदय के पहले पीपल की पूजा नहीं करनी चाहिए।
इस अवसर पर वरिष्ठ अधिवक्ता बी एस पांडेय सेवा निवृत्त जिला विपणन अधिकारी सी एल दुबे,उप जेल अधीक्षक योगेन्द्र तिवारी, सेवा निवृत्त लेखाधिकारी आर एस दुबे, अधिवक्ता स्वामी शरण दुबे, वरिष्ठ संवाददाता आर के दुबे, अशोक उपाध्याय सेवा निवृत्त अधीक्षक कलेक्टोरेट, क्षेत्रीय जनप्रतिनिधियों सामाजिक कार्यकर्ताओं मीडिया प्रतिनिधियों सहित भारी संख्या में लोग उपस्थित हो प्राणवायु प्रदाता देव वृक्ष को सर्वे भवन्तु सुखिन: सर्वे संतु निरामय: जीव कल्याण निमित्त रोपड़ में सहभागिता प्रदान कर टीगार्ड लगाया नगर निगम आयुक्त क्षेत्र में पर्यावरण संतुलित रखने सभी वृक्षों को जीवित रखने व पालन करने गोद लिया।