केरल सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से साल 2017 में हुए मलयालम अभिनेत्री के साथ यौन उत्पीड़न मामले में मुख्य साजिशकर्ता अभिनेता दिलीप के मामले की जांच की सीमा बढ़ाने की मांग की थी, जिसे सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को खारिज कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि वह इस मामले की सुनवाई पूरी करने के लिए समय बढ़ाने का विचार तब करेंगे, जब निचली अदालत के न्यायाधीश इसका अनुरोध करते हैं। केरल सरकार के कहने पर इस तरह की मांग को स्वीकार नहीं किया जाएगा।
न्यायमूर्ति ए एम खानविलकर और न्यायमूर्ति सी टी रविकुमार की पीठ ने केरल सरकार द्वारा किए गए इस आवेदन पर कहा कि ऐसा आग्रह करने की आजादी सिर्फ मामले की सुनवाई कर रही अदालत के पास है और अगर इस मामले में जरूरी समझा जाता है तो समय सीमा की अवधि को बढ़ाए जाने के लिए वह शीर्ष अदालत के सामने एक रिपोर्ट दाखिल कर सकते हैं। हम इस फैसले को निचली अदालत के विवेक पर छोड़ते हैं कि वह खुद इस मामले में सही दृष्टिकोण को अपनाए।
सोमवार को सुप्रीम कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान केरल सरकार की तरफ से पेश वकील जयदीप गुप्ता ने कहा कि उन्होंने एक आवेदन दायर कर सुनवाई पूरी करने के लिए समय सीमा को छह महीने और बढ़ाने की मांग की है क्योंकि मामले की जांच की मौजूदा समय सीमा 16 फरवरी को खत्म हो रही है।
हालांकि, अभिनेता दिलीप की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता मुकुल रोहतगी ने केरल सरकार की याचिका का विरोध किया और उन्होंने कहा कि राज्य सरकार मुकदमे में देरी करने की कोशिश कर रही है। इसके आगे उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले की जांच पूरी करने की अवधि पहले ही कई बार बढ़ाई जा चुकी है। उन्होंने ये भी कहा कि इस मामले में जांच की समय सीमा को बढ़ाने का आग्रह न्यायाधीश द्वारा किया गया था और किसी भी अन्य पक्ष के बजाए अदालत के अनुरोध पर समय सीमा को बढ़ाया भी गया है। सरकार द्वारा ये मांग करना ही गलत है और अगर संबंधित न्यायाधीश को लगता है कि ये मांग जरूरी है तो वह कर सकते हैं।
इस सुनवाई के आखिर में वकील जयदीप गुप्ता ने सुप्रीम कोर्ट से राज्य सरकार के आवेदन को लंबित रखने का आग्रह किया, जिसका रोहतगी ने विरोध किया। इस पर पीठ की तरफ से कहा गया कि अगर इस मामले की सुनवाई को लंबित रखा जाता है तो इसका गलत अर्थ निकलेगा। रोहतगी ने कहा कि राज्य सरकार उनके मुवक्किल के खिलाफ मीडिया ट्रायल कर रही है.
बता दें कि अभिनेता दिलीप और उनके साथियों पर मलयालम अभिनेत्री के साथ यौन उत्पीड़न मामले की जांच कर रहे अधिकारियों को धमकाने का आरोप भी है। हाईकोर्ट ने दिलीप के अलावा, उनके छोटे भाई पी शिवकुमार और बहनोई टीएन सूरज सहित अन्य आरोपियों को 23, 24 और 25 जनवरी को क्राइम ब्रांच के सामने पूछताछ के लिए पेश होने का निर्देश दिया गया था, जिसके बाद से ही सभी आरोपियों से लगातार पूछताछ जारी है। सुनवाई के लिए 27 जनवरी की तारीख दी गई है।