
महाराष्ट्र:- त्रिपक्षीय समझौते के मुताबिक GACPL को पात्रा चॉल के 672 किराएदारों को फ्लैट देना था, MHADA के लिए 3 हजार फ्लैट बनाना था और शेष को निजी डेवलपर्स को बेचना था।हालांकि ED का दावा है कि संजय राउत के करीबी सहयोगी प्रवीण राउत और गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन के अन्य निदेशकों ने MHADA को गुमराह किया। साथ ही फ्लोर स्पेस इंडेक्स यानी FSI को 9 अलग-अलग निजी डेवलपर्स को बेचकर 901.79 करोड़ रुपए कमाए, लेकिन उन्होंने न तो 672 किराएदारों को फ्लैट दिया और न ही MHADA के लिए कोई फ्लैट बनाया।
इसके बाद GACPL ने मीडोज नामक एक प्रोजेक्ट शुरू किया और फ्लैट खरीदारों से लगभग 138 करोड़ रुपए की बुकिंग राशि ली। ED का आरोप है कि इन अवैध गतिविधियों से गुरु आशीष कंस्ट्रक्शन ने 1,039.