राजस्थान। प्रदेश में कर्मचारी आंदोलन की राह पर हैं। 7 लाख कर्मी बुधवार यानि आज से आंदोलन करेंगे। राज राज्य संयुक्त कर्मचारी महासंघ एकीकृत के अध्यक्ष गजेंद्र सिंह राठौड़ ने बताया- बुधवार को सभी जिलों में कलेक्टरों को ज्ञापन देंगे।
27 अगस्त को आमसभा कर सरकार को घेरेंगे। इधर, आंदोलन तब हो रहा है, जब सरकार ने 4 बजट में 15 बड़ी घोषणाएं की हैं। ऐसे में कारणों की पड़ताल की तो सामने आया कि ज्यादातर घोषणाएं पूरी तरह धरातल पर नहीं उतरीं। 12 प्रमुख मांगें लंबे समय से पेंडिंग हैं।बता दें कि सरकार ने वर्ष 2004 में बंद की गई ओल्ड पेंशन स्कीम बहाल की, साल में दो बार प्रमोशन, बोर्ड-संस्थाओं-निगमों में सातवां वेतनमान लागू करने और संविदाकर्मियों का मानदेय बढ़ाने आदि पर भी काम हो रहा है। राठौड़ के अनुसार सामंत कमेटी की रिपोर्ट 2019 से ठंडे बस्ते में है।
सरकार बार-बार कमेटियां बनाकर कार्यकाल बढ़ा रही है।आंदोलन कर्मचारियों की मांग खेमराज कमेटी का कार्यकाल 31 अगस्त से बढ़ाकर 31 दिसंबर कर दिया है। हमारी प्रमुख मांग है कि पे मेट्रिक्स केन्द्र के बराबर हो, 2400 की ग्रेड को 9840 किया जाए। चयनित वेतनमान 9-18-27 की जगह 8-16-24-32 किया जाए। सहायक कर्मचारियों का वेतन 18 हजार और पदनाम एमटीएस किया जाए।
सरकार खेमराज कमेटी की रिपोर्ट उजागर करें।इसी को देखते हुए राज्य के 7 लाख कर्मचारियों में आक्रोश है। 24 अगस्त को सभी जिला कलेक्टर के जरिए सीएम को ज्ञापन दिया जाएगा। मांगों पर ध्यान नहीं दिया तो 27 अगस्त को उदयपुर में बड़ी रैली निकाली जाएगी।