कोलकाता। इन दिनों कई सारे लोग अच्छा स्मार्टफोन खरीदते है. जितने महंगा फोन उतने फीचर्स और स्पेसिफिकेशन. फोन होना आजकल स्टेटस मेंटेन करने जैसी बात हो चुकी है. वहीं कुछ अपना ड्रीम स्मार्टफोन या गेमिंग फोन खरीदने के लिए पैसे इक्क्ठा करता है. यूथ में स्मार्टफोन का चलन अधिक है. मगर कई बार लोग अपनी हदें पार कर बैठते है.
पश्चिम बंगाल के दिनाजपुर के तपन थाना इलाके के करदा एरिया में रहने वाली 16 साल की लड़की स्मार्टफोन खरीदने के लिए अपना खून (Blood) बेचने चली गई थी.
नाबालिग की इच्छा थी कि उसके पास अच्छा सा स्मार्टफोन हो. उसने ऑनलाइन साइट के जरिए कुछ दिनों पहले नौ हजार रुपए कीमत का फोन अपने जानने वाले के जरिए ऑर्डर करा दिया था. फोन तो ऑर्डर करा दिया, लेकिन उसे खरीदने के लिए उसके पास इतनी रकम नहीं थी.
फिर आया खून बेचने का आइडिया
फोन की डिलीवरी की डेट पास आ रही थी. लड़की को घबराहट होने लगी कि पैसे नहीं दिए, तो फोन वापस हो जाएगा. ऐसे में उसे अपना खून बेचकर रुपए जुगाड़ करने का आइडिया आया. अगले ही दिन घर से 30 किमी दूर नाबालिग बलूरघाट जिला अस्पताल के ब्लड बैंक में खून बेचने के लिए पहुंच गई.
शक होने पर पकड़ी गई
वहां उसने ब्लड बैंक कर्मचारियों से ब्लड देने के बदले रुपयों की मांग की. यह सुनकर कर्मचारी चौंक गए. शुरुआत में उन्हें लगा कि उसका कोई परिचित अस्पताल में भर्ती है. शायद उसके इलाज के लिए वह खून के बदले पैसों की डिमांड कर रही होगी.
मगर, लड़की की बातों पर कर्मचारियों को शक हुआ. उन्होंने तुरंत ही इसकी सूचना चाइल्ड केयर टीम को दी. जानकारी मिलते ही चाइल्ड केयर टीम की सदस्य रीता महतो अस्पताल पहुंचीं और नाबालिग को अपने साथ ले गईं. पूछताछ में लड़की ने ब्लड के बदले रुपए मांगने की सच्चाई टीम को बता दी.
लड़की ने बताया कि ऑर्डर किए गए स्मार्टफोन की डिलीवरी आने वाले गुरुवार को होनी है. मगर, उसके पास फोन खरीदने के लिए 9 हजार रुपए नहीं हैं. उसे लगा कि वह खून बेचकर पैसों का इंतजाम कर लेगी. टीम ने उसके परिवार वालों को बुलाया और लड़की को समझा-बुझाकर उनके साथ घर भेज दिया.