भारत में इंसानों के इलाज के लिए तो कई बड़े अस्पताल हैं, लेकिन पशुओं के लिए अभी तक कोई ऐसी बड़ी पहल नहीं हुई। अब भारत सरकार इस बारे में सोच रही है और दिल्ली के एम्स अस्पताल की तर्ज पर ही भारतीय पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान बनाने की तैयारी में है। दरअसल, सरकार ने इसके लिए एक मसौदा तैयार किया है और इसके लिए तमाम संस्थानों से कुछ जरूरी सुझाव मांगे हैं। खास बात ये होगी न इस संस्थान में हर प्रकार के पशुओं को इलाज देने की कोशिश की जाएगी।नई दिल्ली में पशुओं के लिए एम्स जैसा संस्थान स्थापित करने के लिए मसौदा प्रस्ताव तैयार किया है।
इसे अखिल भारतीय पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान कहा जाएगा जो पशु चिकित्सा विज्ञान, शिक्षा एवं अनुसंधान में राष्ट्रीय महत्व का केंद्र होगा। इस संस्थान में पशुओं की चिकित्सा के लिए बाह्य और आंतरिक रोगी चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने के लिए 200 से 500 सीटों वाला एक अत्याधुनिक सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल भी तैयार किया जाएगा।विश्वस्त सूत्रों ने अमर उजाला को बताया कि एम्स की तर्ज पर अखिल भारतीय पशु चिकित्सा विज्ञान संस्थान के लिए भारतीय पशु चिकित्सा परिषद (वीसीआई) द्वारा प्रस्ताव दिया गया है।
मसौदा प्रस्ताव को औपचारिक मंजूरी के लिए केंद्रीय मंत्रिमंडल के पास भेजा जाएगा। इसके बाद कुल लागत, वित्त पोषण एवं अन्य आवश्यकताओं को अंतिम रूप दिया जाएगा। अगर कैबिनेट से इसकी मंजूरी मिल जाती है, तो यह अस्पताल एवं इसके शिक्षा एवं अनुसंधान विभाग चरणबद्ध तरीके से अगले तीन से चार वर्षों में परिचालन शुरू कर देंगे। दिल्ली-एआईआईवीएस के चालू होते ही देश के अन्य हिस्सों में भी उसका विस्तार किया जा सकता है।
केंद्र सरकार मसौदा प्रस्ताव के अनुसार, अस्पताल में देशी और विदेशी जानवरों के इलाज का अलग-अलग विभाग होगा। इसमें सर्जरी, ऑप्थेल्मोलॉजी, ऑर्थोपेडिक, एनेस्थीसिया, सॉफ्ट टिशू कल्चर, न्यूटर सर्जरी, ऑन्कोलॉजी और कार्डियोलॉजी विभाग होंगे, जिनमें जानवरों के इलाज के लिए अत्याधुनिक सुविधाएं होंगी। इसके अलावा यहां वेटरनरी डॉक्टर की पढ़ाई भी होगी और रिसर्च भी होगी। इसके लिए नीट जैसे एग्जाम के तरह अभ्यर्थियों का दाखिला होगा।राजधानी में जमीन की तलाश जारीइस संस्थान के लिए राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र में भूमि की तलाश की जा रही है।
एआईआईवीएस का अस्पताल भी एम्स की ही तरह भारत के शीर्ष पशु चिकित्सा अस्पताल के रूप में कार्य करेगा। सरकार के मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि इस पशु चिकित्सा अस्पताल में पालतू जानवरों, खेतिहर मवेशियों, घोड़ों, वन्य जीवन एवं अन्य विदेशी पालतू जानवरों के इलाज के लिए विभाग होंगे। एआईआईवीएस नीतिगत अनुसंधान एवं सिफारिश के लिए एक थिंक-टैंक के रूप में काम करेगा। साथ ही यह पशु महामारी से निपटने की तैयारी के लिए एक उत्कृष्टता केंद्र के रूप में भी कार्य करेगा।
मसौदा प्रस्ताव में कहा गया है कि केंद्रीय मत्स्य पालन, पशुपालन एवं डेयरी मंत्री एआईआईवीएस के गवर्निंग बोर्ड के पदेन अध्यक्ष होंगे, जबकि मंत्रालय के सचिव बोर्ड के सचिव भी होंगे। एआईआईवीएस के संचालन मंडल में केंद्रीय पशुपालन आयुक्त, भारतीय पशु चिकित्सा परिषद के अध्यक्ष, पांच पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों के वाइस चेयरमैन और राष्ट्रीय संस्थानों के निदेशक शामिल होंगे।
एआईआईवीएस राज्य पशु चिकित्सा विश्वविद्यालयों और भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान एवं राष्ट्रीय डेरी अनुसंधान संस्थान करनाल जैसे राष्ट्रीय स्तर के संस्थानों के मौजूदा पशु चिकित्सा अनुसंधान प्रयासों एवं शैक्षणिक लक्ष्यों को आगे बढ़ाएगा।मसौदा प्रस्ताव में यह भी कहा गया है कि पहले चरण में करीब 200 छात्रों को नीट एवं एनटीए मेरिट सूची के आधार पर प्रमुख संस्थान में प्रवेश दिया जाएगा। एआईआईवीएस के परिसर में चार प्रमुख इमारतें होंगी।