नई दिल्ली:- बयान में लिखा गया है कि जिस तरह से कार्यक्रम का आयोजन हो रहा है और सरकार कार्यक्रम कर रही है वह देश के Secular दस्तूर के खिलाफ है, हम कहना चाहते हैं कि हम बाबरी मस्जिद से संबंधित सुप्रीम कोर्ट के फैसले से संतुष्ट नहीं हैं।
मुस्लिम संगठनों के मुताबिक:
▪️ कोर्ट ने अपने फैसले में माना है कि मंदिर तोड़कर मस्जिद बनाए जाने के कोई सबूत नहीं मिले थे, उसके बावजूद भी कोर्ट ने सिर्फ आस्था को बुनियाद बनाकर मस्जिद की जगह मंदिर बनाने के लिए दे दी।
▪️ हमें ऐतराज़ है कि Worship Act 1991 के कानून को दरकिनार करते हुए अदालत दूसरी मस्जिदों पर भी सुनवाई कर रही है।
▪️ ऐसे में राम मंदिर के कार्यक्रम में सरकार का शामिल होना विवादित है, कोई भी Secular इंसान इसको पसंद नहीं करेगा।
साथ ही मुस्लिम संगठनों ने देश के मुसलमानों से अपील की है कि वो मायूस न हों और अमन बरकरार रखें।