सूरजपुर, 12 मार्च। गुरुवार को सूरजपुर जिला चिकित्सालय से नवजात बच्ची को चुराकर एक महिला भाग निकली थी। चंद मिनटों में ही वह पकड़ी गई, जब उसने पुलिस के सामने कहानी बताई तो सब हैरान रह गए। महिला का कहना था कि वह नि:संतान है, घर व गांव के लोग उसे बांझ कहकर ताना मारते थे, इस कारण उसे ऐसा कदम उठाना पड़ा। इसके बाद पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर जेल भेज दिया।
सूरजपुर जिला चिकित्सालय में ग्राम परसापारा निवासी फुलकुंवर ने बेटी को जन्म दिया था। इधर ग्राम करकोटी निवासी महिला सुनीता पण्डो उस बच्ची को अपने साथ ले जाने की फिराक में लगी रही। उसने प्रसूता व उसके परिजनों से मेलजोल भी बढ़ा लिया था।
इसी बीच गुरुवार की सुबह मौका मिलते ही उसने बालिका को गोद में उठा लिया और कहा कि उसे डॉक्टर बुला रहे हैं, यह सुनकर परिजनों ने उसे ले जाने दिया। काफी देर तक वह नहीं लौटी तो परिजन उसकी खोजबीन में लग गए। पता चला कि वह अस्पताल से बच्ची को लेकर फरार हो गई है।
नवजात के गायब होने से अस्पताल में हंगामा मच गया। इसके बाद अस्पताल प्रबंधन भी तत्काल हरकत में आ गया और परिजन सहित वे महिला की खोजबीन में जुट गए। इसी बीच फरार हुई महिला को शहर के महगांव चौक पर पकड़ लिया गया।
बताया जा रहा है कि महिला सुनीता पंडो नि:संतान है। उसे घर व गांव के लोग बांझ कहकर ताना मारते थे। इसी ताने से परेशान होकर वह बुधवार से फुलकुंवर की नवजात पुत्री पर नजर बनाए हुई थी। फिर मौका मिलते ही जिला अस्पताल से नवजात शिशु को चुराकर फरार हो गई। उसने अपने साथ दूध की बोतल रखी थी।
बच्चा चोरी कर भागने की सूचना अस्पताल प्रबंधन द्वारा सूरजपुर कोतवाली पुलिस को दी गई। सूचना मिलते ही पुलिस अस्पताल पहुंची और आरोपी महिला को गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने उसके खिलाफ धारा 363, 365 के तहत अपराध दर्ज कर उसे जेल भेज दिया है।