नई दिल्ली:– दिल्ली विधानसभा चुनाव के त्रिकोणीय मुकाबले में इस बार कांग्रेस भी कोई कसर बाकी नहीं छोड़ना चाह रही हैं। आम आदमी पार्टी से अपना खोया जनाधार वापस छीनने के लिए वह हर संभव रणनीति पर काम कर रही है। चुनाव प्रचार के अंतिम पांच दिनों में यह रणनीति और ‘धारदार’ होती नजर आएगी।
खोया जनाधार पाने की चुनौती
पार्टी सूत्रों के मुताबिक कांग्रेस जानती है कि उसे भाजपा का कैडर वोट नहीं मिल पाएगा, लेकिन आप का जो वोट बैंक है, वह मूलत: उसी का है। वंचितों, अल्पसंख्यकों एवं निम्न मध्य वर्ग के इसी वोट बैंक को पार्टी नेता आप से वापस पाने को प्रयासरत हैं।
इसी सोच और रणनीति के तहत कांग्रेस लगातार आम आदमी पार्टी के भ्रष्टाचार पर प्रहार कर रही है तो शीला दीक्षित सरकार की उपलब्धियों को आगे रखकर आप सरकार की विफलताएं उजागर कर रही है।
प्रचार में उतरेंगी प्रियंका गांधी वाड्रा
अब अगले पांच दिनों में ऐसा ही प्रचार और जोर पकड़ेगा। राहुल गांधी और पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे दोनों का ही चुनाव प्रचार में मुख्य फोकस वंचित, अल्पसंख्यक, झुग्गी झोंपड़ी बस्तियों के लोग और आप के भ्रष्टाचार पर प्रहार करना रहेगा।
बृहस्पतिवार को राहुल गांधी वंचितों के साथ संवाद का कार्यक्रम भी रख सकते हैं। इसके अलावा वायनाड से सांसद प्रियंका गांधी वाड्रा को भी रोड शो के लिए चुनाव प्रचार में उतारने पर विचार चल रहा है। पार्टी के मुस्लिम नेताओं खासकर इमरान मसूद और इमरान प्रतापगढ़ी को दिल्ली में सक्रिय किया जा रहा है।
कांग्रेस शासित राज्यों के मुख्यमंत्रियों और सांसदों की भागीदारी भी अब और बढ़ेगी। पार्टी ने कुछ स्लोगन भी तैयार किए हैं, जो न केवल आम आदमी पार्टी और पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल पर चोट करते हैं बल्कि जनता को सीधे अपील करते भी नजर आते हैं।
कांग्रेस के विशेष स्लोगन
शीशमहल के लाल ने दिल्ली को किया बदहाल और मफलर वाले केजरीवाल, बने शीशमहल के लाल
शराब घोटाले से मालामाल केजरीवाल!
सांसों का संकट, कचरे का जमघट
दिल्ली का बुरा हाल, केजरीवाल!
दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि भाजपा दिल्ली की पसंद कभी रही ही नहीं, इसलिए मुकाबला तो आप और कांग्रेस में ही है। 2013 में कांग्रेस इसलिए सत्ता से बाहर हुई थी क्योंकि उसके खिलाफ एंटी इनकंबेंसी थी, वहीं एक आदमी ने खूब सब्जबाग दिखाए, लेकिन इस बार दिल्ली वाले बदलाव के मूड में है।