नई दिल्ली। वास्तु शास्त्र, हिंदू धर्म के सबसे प्राचीन पुराने विज्ञानों में से एक माना गया है। वास्तु शास्त्र में दिशाओं का विशेष महत्व माना गया है। हर दिशा के तरह दक्षिण दिशा भी अपने आप में एक महत्वपूर्ण स्थान रखती है। इसके साथ ही वास्तु शास्त्र में निहित दक्षिण दिशा के कुछ विशेष नियमों का ध्यान रखना जरूरी है। ऐसे में हम आपको बताने जा रहे हैं, कि दक्षिण दिशा में किन चीजों को रखने से नुकसान हो सकता है।
दीपक की सही दिशा
हिंदू धर्म में दीया शुभता का प्रतीक माना जाता है, इसलिए पूजा-पाठ में और तुलसी पर मुख्य रूप से दीया जलाया जाता है। लेकिन वास्तु शास्त्र में माना गया है कि दक्षिण दिशा में कभी भूलकर भी दीपक नहीं जलाना चाहिए। वरना इससे व्यक्ति को कई तरह की दिक्कतों का सामना पड़ सकता है। वास्तु शास्त्र में दीया जलाने के लिए उत्तर दिशा सबसे बेहतर मानी गई है।
न रखें ये चीजें
वास्तु शास्त्र में माना गया है कि दक्षिण दिशा में जूते और चप्पलों को नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को पितृ दोष का सामना करना पड़ सकता है। साथ ही दक्षिण दिशा में किसी भी प्रकार का इलेक्ट्रॉनिक सामान रखना भी शुभ नहीं माना जाता।
हावी हो सकती है नेगेटिव एनर्जी
इस बात का विशेष ध्यान रखें कि दक्षिण दिशा में कभी भी पूजा घर नहीं होना चाहिए। वास्तु शास्त्र के अनुसार इस दिशा में पूजा करना शुभ नहीं माना जाता है। ऐसा करने से घर में नेगेटिव एनर्जी का संचार होने लगता है, जो व्यक्ति को बुरे प्रभाव दे सकता है।
मिल सकते हैं नकारात्मक परिणाम
सनातन धर्म में तुलसी के पौधे को बहुत ही पूजनीय और पवित्र माना गया है। ऐसे में इस बात का ध्यान रखें कि तुलसी का पौधा घर की दक्षिण दिशा में नहीं रखना चाहिए। ऐसा करने से व्यक्ति को नकारात्मक परिणाम देखने को मिल सकते हैं।