नई दिल्ली:– भारतीय जनता पार्टी ने जहां कंगना रनौत के उस बयान से असहमति जताते हुए किनारा कर लिया, जिसमें उन्होंने कहा था कि पंजाब में किसान आंदोलन के नाम पर उपद्रवी हिंसा फैला रहे थे और वहां बलात्कार तथा हत्याएं हो रही थीं। वहीं भाजपा के केंद्रीय मीडिया विभाग की ओर से जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक, पार्टी ने मंडी की सांसद को हिदायत भी दी कि वह इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें।
दरअसल एक अखबार को दिए साक्षात्कार में कंगना ने यह भी कहा था कि तीन विवादास्पद कृषि विधेयकों को वापस ले लिया गया, नहीं तो ‘इन उपद्रवियों’ की बहुत लंबी योजना थी और वे देश में कुछ भी कर सकते थे।
इस बयान में यह भी कहा गया, ” भाजपा सांसद कंगना रनौत द्वारा किसान आंदोलन के परिप्रेक्ष्य में दिया गया बयान, पार्टी का मत नहीं है। भाजपा कंगना रनौत के बयान से असहमति व्यक्त करती है। पार्टी की ओर से, पार्टी के नीतिगत विषयों पर बोलने के लिए कंगना रनौत को न तो अनुमति है और न ही वे बयान देने के लिए अधिकृत हैं।”
बयान में यह भी कहा गया कि भाजपा की ओर से कंगना रनौत को निर्देशित किया गया है कि वे इस प्रकार के कोई बयान भविष्य में न दें। पार्टी ने कहा, ”भाजपा ‘सबका साथ, सबका विकास, सबका विश्वास और सबका प्रयास’ तथा सामाजिक समरसता के सिद्धांतों पर चलने के लिए कृतसंकल्पित है।” रनौत ने इस साक्षात्कार में यह भी कहा था कि अगर भाजपा का शीर्ष नेतृत्व मजबूत नहीं रहता, तो किसान आंदोलन के दौरान पंजाब को भी बांग्लादेश बना दिया जाता।
इधर कांग्रेस ने भारतीय जनता पार्टी द्वारा अपनी सांसद और अभिनेत्री कंगना रनौत के किसानों से जुड़े विवादित बयान से असहमति जताए जाने के बाद सोमवार को कहा कि यदि सत्तारूढ़ दल अपनी सांसद की टिप्पणियों से असहमत है तो उन्हें पार्टी से बाहर करे। कांग्रेस के सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख और प्रवक्ता सुप्रिया श्रीनेत ने यह भी कहा कि सरकार को कंगना के इस दावे पर स्पष्टीकरण देना चाहिए कि अमेरिका और चीन देश के अंतर अस्थरिता की साजिश कर रहे थे।