भोपाल:- मध्य प्रदेश में मुख्यमंत्री पद की कमान मोहन यादव के हाथों में सौंपे जाने के बाद सीनियर अफसरों के बीच बदलाव की सुगबुगाहट शुरू हो गई है. माना जा रहा है कि प्रदेश के मुखिया मोहन यादव अपनी पसंद के हिसाब से प्रशासनिक टीम तैयार करेंगे. मुख्य सचिव के रूप में सीनियर आईएएस वीरा राणा फिलहाल प्रभारी की भूमिका में हैं, इसलिए नए मुख्य सचिव की रेस में प्रतिनियुक्ति पर गए आईएएस अनुराग जैन, आशीष उपाध्याय का नाम जुड़ गया है. माना जा रहा है कि उन्हें प्रतिनियुक्ति से वापस बुलाया जा सकता है. उधर जल्द ही मुख्यमंत्री सचिवालय के अधिकारियों को भी बदला जा सकता है. उधर कई जिलों के एसपी, कलेक्टर भी बदले जाएंगे.
केन्द्र में सचिव हैं अनुराग जैन, पीएमओ में भी रह चुके: मुख्य सचिव रहे इकबाल सिंह बैंस के नवंबर माह में रिटायर्ड होने के बाद 1988 बैच की वीरा राणा को मुख्य सचिव पद का अतिरिक्त प्रभार सौंपा गया है. वीरा राणा का कार्यकाल मार्च 2024 तक है. इस तरह उनके रिटायरमेंट में करीबन साढ़े तीन माह का समय बाकी है. प्रदेश का मुख्यमंत्री बनने के बाद मोहन यादव अब अपनी नई प्रशासनिक टीम तैयार करने जा रहे हैं. माना जा रहा है कि जल्द ही प्रदेश को नया मुख्य सचिव मिल सकता है. इस लिस्ट में सबसे सीनियर आईएएस अनुराग जैन का नाम है.
1990 बैच के आईएएस अधिकारी अनुराग जैन फिलहाल प्रतिनियुक्ति पर केन्द्र में रोड ट्रांसपोर्ट एवं हाईवे मंत्रालय में सचिव के पद पर अपनी सेवाएं दे रहे हैं. वे प्रधानमंत्री कार्यालय में भी अपनी सेवाएं दे चुके हैं. माना जा रहा है कि उन्हें प्रतिनियुक्ति से बुलाया जा सकता है. इसके अलावा केन्द्रीय प्रतिनियुक्ति पर नए आशीष उपाध्याय भी इस रेस में हैं. वैसे 1990 बैच के ही आईएएस अफसर मोहम्मद सुलेमान, राजेश राजौरा का भी नाम मुख्य सचिव के पद की रेस में शामिल हैं.
बदल सकते हैं कई कलेक्टर:माना जा रहा है कि जल्द ही प्रशासनिक स्तर पर भी जल्द बड़े बदलाव होंगे.
मुख्यमंत्री सचिवालय में अधिकारियों को बदला जा सकता है. वर्तमान में मनीष रस्तोगी सीएम के पीएस के तौर पर पदस्थ हैं. वे मार्च 2020 से इस पद पर बने हुए हैं. इस तरह उनका एक ही स्थान पर साढ़े तीन साल से ज्यादा का समय हो चुका है. इसके अलावा कई और विभागों में कई अधिकारी तीन साल और उससे ज्यादा समय से पद पर डटे हुए हैं. ऐसे अधिकारियों का हटना तय माना जा रहा है.इसके अलावा कई जिलों के कलेक्टर, आईजी, एसपी और संभागायुक्त को भी बदला जा सकता है. इनमें से कई अधिकारियों की शिकायतें चुनाव के दौरान बीजेपी ने चुनाव आयोग से की थी. मुख्यमंत्री बनाए गए मोहन यादव बतौर मंत्री उच्च शिक्षा विभाग की जिम्मेदारी निभा चुके हैं. उच्च शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव और कमिश्नर से उनकी अच्छी ट्यूनिंग रही है, माना जा रहा है कि सीएम की टीम में यह महत्वपूर्ण भूमिका निभा सकते हैं.