मध्यप्रदेश:- भारत में 6 सालों से गेहूं के आयात की जरूरत नहीं पड़ी थी और आखिरी बार भारत सरकार ने ऑस्ट्रेलिया और यूक्रेन से साल 2017-18 में 15 लाख टन गेहूं इंपोर्ट किया था. हालांकि अब स्थिति बदलती नजर आ रही है क्योंकि देश में गेहूं का उत्पादन कम हुआ है. सरकार का अनुमान है कि इस साल गेहूं की फसल पिछले साल के रिकॉर्ड 112 मिलियन मीट्रिक टन से 6.25 फीसदी कम रहेगी.
प्याज के दाम बढ़ने शुरू हुए-अब आटा मंहगा होने के आसार
कल ही हमने खबर दी थी कि देश में प्याज के दाम चढ़ रहे हैं और मुख्य रूप से महाराष्ट्र की लासलगांव मंडी में प्याज के भाव 50 फीसदी तक बढ़ने का संकेत दिखा रहे हैं. अब अगर आटे पर भी बढ़ती महंगाई का करेंट लगेगा तो आम लोगों के लिए रोजाना के खर्चों को संभालना मुश्किल हो सकता है.
16 सालों में सबसे कम हुआ देश में गेहूं का स्टॉक
सरकारी गोदामों में गेहूं का भंडार पिछले 16 सालों में सबसे कम स्तर पर आ गया जब अप्रैल 2024 में 75 लाख टन हो गया. इसके पीछे का कारण देखें तो बताया गया है कि सरकार को आटा मिलों और बिस्कुट बनाने वाली कंपनियों को रिकॉर्ड 1 करोड़ टन से ज्यादा गेहूं बेचना पड़ा था. आटा और आटे से बने प्रोडक्ट्स के बढ़ते दामों पर लगाम लगाने के लिए सरकार ने ये फैसला लिया था लेकिन गेहूं फसल का बड़ा हिस्सा वहां खप गया.
गेहूं के दाम बढ़ने से आटा महंगा होने की आशंका
एक साल में गेहूं के दाम 8 फीसदी तक बढ़ गए हैं और आने वाले पखवाड़े 15 दिनों में इसके भाव में और 7 फीसदी का उछाल देखा जा सकता है. इसके असर से साफ तौर पर आटे के महंगे होने की आशंका है. आने वाले दिनों में आटे के दाम बढ़ने से लोगों के घरों का बजट बिगड़ सकता है.
गेहूं के दाम एक साल में कितने बढ़े
कंज्यूमर अफेयर्स मिनिस्ट्री पर दिए गए डेटा के मुताबिक इस समय देश में आटे के औसत रिटेल भाव 36 रुपये प्रति किलोग्राम हैं. एक साल पहले के दाम देखें तो आटे का दाम 34.75 रुपये प्रति किलो पर थे. 1 साल में 3.60 रुपये महंगे होने के बाद अब इस साल इसमें तेजी से बढ़ोतरी होने की आशंका बन रही है.
आज आएंगे खुदरा महंगाई दर के आंकड़े
आज शाम तक मई 2024 के रिटेल इंफ्लेशन यानी खुदरा महंगाई दर के आंकड़े जारी कर दिए जाएंगे और इससे अंदाजा हो जाएगा कि देश में खाने-पीने की वस्तुओं के दाम किस दिशा में हैं.