भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) की मौद्रिक नीति समिति (MPC) के सदस्य जयंत आर वर्मा ने कहा है कि भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में सभी भू-राजनीतिक झटकों का मजबूती से सामना किया है और यह आगे आने वाली अनिश्चितताओं से भी निपटने में सक्षम होगी. उन्हें 2024 में अच्छे नतीजों की उम्मीद है, जब महंगाई कम होगी. भारतीय अर्थव्यवस्था ने पिछले कुछ वर्षों में सभी झटकों (रूस-यूक्रेन युद्ध, इज़राइल-हमास युद्ध, तेल की बढ़ती कीमतों) का मजबूती से सामना किया है. आने वाले महीनों में भू-राजनीतिक स्थिति बहुत खराब होगी, लेकिन हाल की स्थिति की तुलना में और खराब सिचुएशन नहीं देखने को मिल सकता है.भारत के हित में होगा कामआईआईएम-अहमदाबाद के प्रोफेसर वर्मा ने कहा कि चीन में जारी सुस्ती के कारण ऊर्जा और अन्य वस्तुओं की मांग में भारी गिरावट आई है.
कुल मिलाकर मुझे पूरा विश्वास है कि भारत आगे आने वाली अनिश्चितताओं से निपटने में सक्षम होगा. भारत की अर्थव्यवस्था के चालू वित्त वर्ष में 7.3 प्रतिशत की दर से बढ़ने का अनुमान है. 2022-23 में भारतीय अर्थव्यवस्था 7.2 प्रतिशत की दर से बढ़ी थी.अंतरराष्ट्रीय मुद्राकोष (IMF) के विश्व आर्थिक परिदृश्य के अनुसार, वैश्विक वृद्धि 2022 के 3.5 प्रतिशत से घटकर 2023 में तीन प्रतिशत और 2024 में 2.9 प्रतिशत रहने का अनुमान है. लाल सागर और भूमध्य सागर को हिंद महासागर से जोड़ने वाला एक महत्वपूर्ण मार्ग, बाब-अल-मंडेब जलडमरूमध्य के आसपास की स्थिति यमन स्थित हुती विद्रोहियों के हालिया हमलों के कारण खराब हो गई है
उम्मीदों का साल होगा 2024एमपीसी सदस्य 2024 के लिए महंगाई पर अपने दृष्टिकोण के बारे में पूछे जाने पर कहा कि उन्हें एक अच्छे परिणाम की उम्मीद है जहां महंगाई कम होगी और लक्ष्य की ओर नीचे आएगी. पिछले साल खाद्य कीमतों में बढ़ोतरी क्षणिक झटका थी, जिसे जल्द सुधार लिया गया. सबसे महत्वपूर्ण बात यह है कि इस बढ़ोतरी के कारण महंगाई को लेकर आकांक्षाओं में कोई बदलाव नहीं हुआ.