कर्नाटक:- राजधानी बेंगलुरु में AI इंजीनियर अतुल सुभाष की खुदकुशी के मामला सामने आया है। खुदकुशी के इस मामले ने सबको हैरान करके रख दिया है क्योंकि इसने देश में दहेज प्रथा की आड़ में हो रहे शोषण और अदालती कामकाज पर सवाल खड़े कर दिए हैं।
बता दें, इसमें चार लोगों पर FIR दर्ज की गई है, जिसमें अतुल की पत्नी निकिता सिंघानिया, सास निशा सिंघानिया, साले अनुराग सिंघानिया और चाचा ससुर सुशील सिंघानिया का नाम शामिल है। अतुल के भाई बिकास कुमार ने बेंगलुरु के मराठाहल्ली पुलिस स्टेशन में शिकायत दर्ज कराई थी। इसके आधार पर पुलिस ने भारतीय न्याय संहिता की धारा 108, धारा 3 का केस दर्ज किया है।
वीडियो जारी कर बताई अपनी आपबीती
अतुल ने अपने सुसाइड का कारण बताते हुए 1 घंटे 20 मिनट का वीडियो जारी किया था। इसके अलावा अतुल ने 24 पन्नों का एक सुसाइड नोट भी लिखा है, जिसमें उन्होंने अपनी आपबीती बताई। अतुल ने अपनी आखिरी इच्छा में बताया कि मेरे केस की सुनवाई का लाइव टेलीकास्ट हो। पत्नी मेरा शव न छू सके। जब तक प्रताड़ित करने वालों को सजा न हो, मेरी अस्थियां विसर्जित न हों।
अतुल ने आगे बताया, “यदि भ्रष्ट जज, मेरी पत्नी और उसके परिजन को कोर्ट बरी कर दे तो मेरी अस्थियां उसी अदालत के बाहर किसी गटर में बहा दी जाएं। साथ हीं मेरे बेटे की कस्टडी मेरे माता-पिता को दी जाए।
अतुल की पत्नी और सास ने उन्हें सुसाइड करने को कहा
बता दें, मूलरुप से बिहार के समस्तीपुर के अतुल ने उत्तर प्रदेश के जौनपुर की एक जज पर भी गंभीर आरोप लगाए हैं। उन्होंने अपने लेटर में लिखा है कि जज ने मामले को रफा-दफा करने के नाम पर 5 लाख रुपए मांगे थे। अतुल ने यह भी लिखा कि उनकी पत्नी और सास ने उन्हें सुसाइड करने को कहा था और इस पर उक्त जज हंस पड़ी थी।
क्या है पूरा मामला?
अतुल सुभाष ने अपने 24 पेज के सुसाइड नोट में पत्नी निकिता सिंघानिया की तरफ से दर्ज कराई गई FIR के एक-एक आरोप पर सबूत के साथ सफाई दी है। अपने सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने लिखा, निकिता से उनकी मुलाकात shaadi.com के जरिए हुई थी। अगले साल उन्हें एक बेटा हुआ।
अतुल ने कहा कि उनकी पत्नी और पत्नी का परिवार उनसे हमेशा पैसों की डिमांड करता रहता था, जो वो पूरी भी करते थे। उन्होंने लाखों रुपए अपनी पत्नी के परिवार को दिए थे, लेकिन जब उन्होंने और पैसे देना बंद कर दिया तो पत्नी 2021 में उनके बेटे को लेकर बेंगलुरु छोड़कर चली गई।
अतुल ने आगे बताया है, ‘मैं उसे हर महीने 40 हजार रुपए मेंटेनेंस देता हूं, लेकिन अब वो बच्चे को पालने के लिए खर्च के तौर पर 2-4 लाख रुपए महीने की डिमांड कर रही है।
मेरी पत्नी मुझे मेरे बेटे से न तो मिलने देती है, न कभी बात कराती है।’ अतुल ने बताया, ‘पूजा या कोई शादी हो, निकिता हर बार कम से कम 6 साड़ी और एक गोल्ड सेट मांगती थी। मैंने अपनी सास को 20 लाख रु. से ज्यादा दिए, लेकिन उन्होंने कभी नहीं लौटाए।
इसके अलावा अतुल सुभाष ने बताया है कि समस्तीपुर में निकिता अपने सास ससुर के बीच सिर्फ शादी के 2 दिन तक ही रही, उसके बाद वह अतुल सुभाष के साथ बेंगलुरु चली आई। दो दिनों में निकिता अपने ससुर से ही एक या दो बार ही मिली होगी।
सुसाइड नोट में अतुल सुभाष ने शराब पीकर मारपीट करने पर साफ लिखा है, उसके जैसी मजबूत काठी वाला व्यक्ति अगर मारपीट करेगा तो कहीं हड्डी टूटती, खून निकलता, मारपीट का निशान पड़ता, कोई वीडियो, कोई फोटो होता, लेकिन ऐसा कुछ नहीं हुआ और न ही ऐसा होने पर पुलिस को ही सूचना दी गई।
FIR में निकिता ने आरोप लगाया कि ससुरालवालों ने 10 लाख रुपए मांगे जिसके आघात से उसके पिता की मौत हो गई। जबकि कोर्ट में दिए बयान में निकिता ने साफ कहा कि उसके पिता लंबे समय से बीमार चल रहे थे, वह हार्ट के मरीज थे।
दिल्ली के एम्स से इलाज हो रहा था। उनकी अचानक तबियत बिगड़ी तो वाराणसी के अस्पताल ले जाया गया जहां उनकी मौत हो गई। निकिता ने अपने पिता की मौत के बाद पति और ससुराल वालों पर हत्या का एक और केस कोर्ट के आदेश पर दर्ज करवाया था। हालांकि, बाद में निकिता ने कहा कि उसे कोर्ट के द्वारा दर्ज केस की जानकारी नहीं है।
कमरे में तख्ती मिली थी, लिखा था- अभी न्याय बाकी है
मूल रूप से बिहार के अतुल सुभाष का शव बेंगलुरु के मंजूनाथ लेआउट में उनके फ्लैट से बरामद हुआ। पड़ोसियों ने उनके घर का दरवाजा तोड़ा तो उनकी बॉडी फंदे पर लटकी मिली। कमरे में ‘जस्टिस इज ड्यू’ लिखी एक तख्ती मिली। अतुल के परिवार की शिकायत पर पुलिस ने अतुल की पत्नी और पत्नी के परिवार पर आत्महत्या के लिए उकसाने का केस दर्ज किया है।
अतुल ने अपने लेटर में राष्ट्रपति के नाम भी नोट लिखा
अतुल सुभाष ने 24 पेज के लेटर में राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू के नाम भी एक लेटर लिखा है। इसमें उन्होंने देश के क्रिमिनल जस्टिस सिस्टम की खामियों के बारे में लिखा और पुरुषों के खिलाफ झूठे केस दर्ज कराने के ट्रेंड के बारे में बताया।
एक अन्य नोट में उन्होंने लिखा कि वे अपनी पत्नी की तरफ से दायर कराए गए सभी मामलों के लिए खुद को निर्दोष बता रहे हैं। इनमें दहेज प्रतिरोध कानून और महिलाओं के खिलाफ अत्याचार का केस शामिल हैं।