नई दिल्ली:– जुलाई में कई फाइनेंशियल रूल्स के साथ नेशनल पेंशन सिस्टम के नियम भी बदल गए हैं। आज से एनपीएस सेटलमेंट के नियम बदल गए हैं। अब क्लेम सेटलमेंट के लिए यूजर्स को कई दिनों का इंतजार नहीं करना होगा।
जून में पीएफआरडीए ने एक सर्कुलर जारी किया था। इस सर्कुलर के अनुसार पीएफआरडीए ने राष्ट्रीय पेंशन स्कीम सब्सक्राइबर के लिए सेम डे सेटलमेंट की अनुमति दे दी है।
पेंशन कोष विनियामक एवं विकास प्राधिकरण द्वारा जारी बयान के मुताबिक सेटलमेंट डे वाले दिन सुबह 11 बजे तक ट्रस्टी बैंक द्वारा प्राप्त एनपीएस अंशदान उसी दिन निवेश किया जाएगा और यूजर को उसी दिन नेट एसेट वैल्यू लाभ मिलेगा।
इस नए नियम को आसान भाषा में समझें तो अगर यूजर ने 11 बजे तक योगदान दिया है तो वह राशि उसी दिन इन्वेस्ट हो जाएगी और यूजर को उस दिन का भी लाभ मिलेगा। 30 जून तक ट्रस्टी बैंक को कॉन्ट्रिब्यूशन का इनवेस्टमेंट का सेटलमेंट अगले दिन होता था। इस प्रक्रिया को टी+1 कहते हैं, लेकिन आज से सेटलमेंट के लिए टी+0 लागू हो गया है।
इस नए नियम का उद्देश्य इन्वेस्टमेंट प्रोसेस को सुव्यवस्थित करना और ट्रांजेक्शन में दक्षता बढ़ाना है।
अधिकारिक आंकड़ों के अनुसार कारोबारी साल 2023-24 में PFRDA ने गैर-सरकारी क्षेत्रों से एनपीएस के 947,000 नए यूजर्स जोड़े थे। सब्सक्राइबर्स की संख्या में बढ़ोतरी के बाद एनपीएस का AUM साल-दर-साल के हिसाब से 30.5 फीसदी बढ़कर 11.73 लाख करोड़ रुपये हो गया।
31 मई 2024 तक एनपीएस के कुल यूजर्स की संख्या लगभग 180 मिलियन थी।
भारत सरकार ने 10 अक्तूबर 2003 को पेंशन निधि विनियामक और विकास पप्राधिकरण की स्थापना की थी और 1 जनवरी 2004 को राष्ट्रीय पेंशन प्रणाली का आरंभ किया था। यह एक इन्वेस्टमेंट स्कीम है। शुरुआती समय में इस स्कीम का लाभ केवल सरकारी कर्मचारियों को मिलता था। लेकिन, बाद में इसका लाभ सभी नागरिकों को मिलने लगा।
यह स्कीम रिटायरमेंट के बाद इनकम को जारी रखने के लिए शुरू की गई थी। इसमें निवेशक को रिटायरमेंट के बाद पेंशन का लाभ मिलता है।