नई दिल्ली :– पौधों में मौजूद आवश्यक अमीनो एसिड
जॉर्ज वाशिंगटन यूनिवर्सिटी स्कूल ऑफ मेडिसिन एंड हेल्थ साइंसेज के सहायक प्रोफेसर डॉ. नील बर्नार्ड के अनुसार, सभी पौधों में आवश्यक अमीनो एसिड होते हैं। इसका मतलब है कि पौधे आधारित प्रोटीन भी हमारी सेहत के लिए पूरी तरह से उपयुक्त हो सकते हैं।
मृत्यु दर में कमी की संभावना
हार्वर्ड विश्वविद्यालय के एक अध्ययन के मुताबिक, पौधों पर आधारित प्रोटीन का सेवन करने से मृत्यु दर में कमी देखी गई है। अध्ययन से पता चला है कि जब गोमांस, मुर्गी, मछली, डेयरी उत्पादों या अंडों के बजाय पौधे आधारित प्रोटीन का सेवन किया जाता है, तो मृत्यु दर कम होती है।
स्वास्थ्य समस्याओं का जोखिम कम
लंबे समय तक पशु आधारित प्रोटीन के उच्च सेवन से हड्डियों और कैल्शियम संतुलन संबंधी समस्याएं, कैंसर का खतरा, लिवर समस्याएं और कोरोनरी धमनी रोग जैसी समस्याएं उत्पन्न हो सकती हैं। इसके विपरीत, पौधों पर आधारित आहार से प्राप्त पोषण मधुमेह, मोटापा, हृदय रोग और कैंसर के जोखिम को कम कर सकता है।
विटामिन बी12 की अहमियत
हालांकि, पौधों से प्राप्त प्रोटीन को अपनाने के साथ विटामिन बी12 और अन्य आवश्यक पोषक तत्वों की कमी का ध्यान रखना आवश्यक है। विटामिन बी12 की कमी हड्डियों, बालों, त्वचा और नाखूनों को प्रभावित कर सकती है।
न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन पर टिप्पणी
डॉ. बर्नार्ड ने कहा कि यह शोध न्यू इंग्लैंड जर्नल ऑफ मेडिसिन में प्रकाशित एक लेख के जवाब में किया गया था। इस लेख में पोषण पर एक नई श्रृंखला शुरू की गई थी। बहुत से लोग अब पौधे आधारित आहार अपना रहे हैं, और इस प्रक्रिया में उनके पोषण में सुधार हो रहा है।
इस शोध के परिणाम स्पष्ट करते हैं कि पौधे आधारित प्रोटीन स्वास्थ्य के लिए एक उत्कृष्ट विकल्प हो सकता है, और यह पशु आधारित प्रोटीन की तुलना में अधिक लाभकारी साबित हो सकता है।