कानपुर में कालिंदी एक्सप्रेस को डिरेल करने की साजिश के बाद कई सवाल उठ रहे हैं. ट्रैक पर रखे गैस सिलेंडर से ट्रेन टकरा गई. लोको पायलट की सूझबूझ से बड़ा हादसा टल गया. ट्रैक के पास एक बोतल में पेट्रोल और एक बैग में सफेद पाउडर भी मिला. बीते दिनों गोंडा और कानपुर में भी ट्रेन पटरी से उतर चुकी है. तो क्या इसके पीछे कोई आतंकी साजिश है? रेल मंत्रालय को ऐसा ही लगता है. यूपी एटीएस से लेकर केंद्रीय खुफिया एजेंसी आईबी इसकी जांच कर रही है. दस लोगों को हिरासत में लेकर पूछताछ की जा रही है.यूपी एटीएस आतंकवादी साजिश के एंगल पर जांच कर रही है. एटीएस की टीम घटना के बाद सोमवार सुबह ही कानपुर पहुंची. उस ट्रैक का भी मुआयना किया, जहां गैस सिलेंडर और बोतल में पेट्रोल मिला.
उसी जगह पर कन्नौज के ‘सियाराम मिठाई वाला’ का बैग भी मिला. इससे सफेद पाउडर बरामद हुआ है. फॉरेंसिक टीम इस पाउडर की जांच कर रही है. यूपी पुलिस की टीम सबसे पहले कन्नौज के सियाराम मिष्टान्न भंडार पहुंची.हिरासत में दो हिस्ट्रीशीटर समेत दस लोगइस मामले में यूपी एटीएस ने दो हिस्ट्रीशीटर समेत दस लोगों को हिरासत में लिया है. इनसे शिवराजपुर थाने में पूछताछ हो रही है. एटीएस जानना चाहती है कि इसके पीछे कोई आतंकवादी संगठन तो नहीं है. यूपी पुलिस के एक सीनियर अफसर ने बताया कि सेल्फ रेडिकलाइज्ड लोग भी ऐसा कर सकते हैं.इसीलिए ये देखा जा रहा है कि घटनास्थल के आसपास हाल के दिनों में कोई बाहर से रहने तो नहीं आया था. पाकिस्तानी आतंकवादी फरहतुल्लाह गोरी ने हिंदुस्तान में ट्रेन के पटरी से उतारने की अपील वाला वीडियो जारी किया था. अतीत में कानपुर सिमी का गढ़ रहा है.
इसीलिए हर एंगल से जांच की जा रही है.गैस सिलेंडर किस एजेंसी से लिया गया?कन्नौज से लेकर कानपुर तक के सीसीटीवी फ़ुटेज खंगाले जा रहे हैं. रविवार रात को कालिंदी एक्सप्रेस कानपुर से गुजरी थी. उस जगह पर उस समय काम कर रहे मोबाइल टावर से जुड़े सभी फोन के डिटेल लिए जा रहे हैं. गैस सिलेंडर किस एजेंसी से लिया गया, उसकी जांच की जा रही है. गोंडा में रेलवे ट्रैक पर सरिया का मिलना, बुलंदशहर में पटरी का टुकड़ा मिलना और पिछले महीने कानपुर में ट्रैक पर लोहे का बड़ा टुकड़ा मिलना… क्या ये महज संयोग है या फिर ट्रेन से सफर करने वाले सैकड़ों लोगों की जान लेने वाला प्रयोग… अगर ये प्रयोग है तो फिर इसके पीछे कौन है?
कानपुर के मुंडेरी में जिस जगह पर गैस सिलेंडर मिला है, वो जीटी रोड से महज सौ मीटर की दूरी पर है. ट्रैक के एक तरफ हिंदुओं का गांव है तो दूसरी ओर मुस्लिम बस्ती. एक बात और गौर करने वाली है कि रविवार शाम 5 बजकर 16 मिनट पर कासगंज-कानपुर अनवरगंज इंटरसिटी (15038) यहां से गुजरी थी. इसके ड्राइवर ने कुछ भी असामान्य रिपोर्ट नहीं किया था. कालिंदी एक्सप्रेस के गुजरने से पहले ये आखिरी ट्रेन थी.