नई दिल्ली। यूपी विधानसभा चुनाव में होने में कुछ महीनों का समय बाकि रह गया है। लेकिन राज्य की सियासत काफी गरमा गई है। एक ओर जहां विपक्ष योगी सरकार पर लगातार हमलावर है, तो वहीं दूसरी ओर बीजेपी का हमला भी तेज हो गया है। वहीं बीती रात सीएम योगी आदित्यनाथ के ऑफिशल ट्विटर हैंडल से किए गए सिलसिलेवार ट्वीट अब चर्चा का विषय बन गई हैं। सीएम योगी ने राम मंदिर, रामभक्तों पर गोलियां चलवाने से लेकर मऊ दंगे और अजीत राय हत्याकांड का जिक्र करते हुए सपा पर तीखा हमला किया है। सपा पर निशाना साधते हुए सीएम ने 2022 के चुनावी मुद्दे भी गिना दिए हैं। जिससे यह स्पष्ट हो गया है कि चुनाव में विकास के साथ हिंदुत्व का अजेंडा भी हावी होगा।
सपा पर साधा निशाना
सीएम योगी ने सपा को निशाना साधते हुए कहा कि ‘जिन लोगों ने राम भक्तों पर गोलियां चलवाईं, क्या आप और हम उनको माफ कर देंगे?’ वहीं अपने ट्वीट में योगी ने लिखा, ‘सपा सरकार के शासनकाल में आतंकवादियों के मुकदमे वापस होते थे। हिंदुओं पर झूठे मुकदमे दर्ज होते थे। रामभक्तों पर गोली चलाई जाती थी और आतंकवादियों की आरती उतारी जाती थी। क्या यह सच नहीं है!’
2005 मऊ दंगे का भी किया जिक्र
2005 में हुए मऊ दंगों का जिक्र करते हुए योगी ने लिखा कि ‘आज भी लोग ‘मऊ दंगा’ भूले नहीं हैं।’ गौरतलब है कि साल 2005 में मऊ शहर में दंगे हुए थे, जिसे लेकर बाहुबली विधायक मुख्तार अंसारी पर भी आरोप लगाया था। अक्टूबर 2005 में हुए मऊ दंगों के दौरान मुख्तार अंसारी पर राम प्रताप यादव की हत्या करने का आरोप था। भरत मिलाप कार्यक्रम के दौरान अराजक तत्वों द्वारा किए गए पथराव के बाद मऊ में दंगा भड़क गया था। करीब 13 दिन तक चली सांप्रदायिक हिंसा में अनेक लोग घायल हुए थे। इस मामले में मुख्तार अंसारी को जेल भी हुई थी हालांकि सबूतों के अभाव में 2006 में उन्हें बरी कर दिया गया था।
अजीत राय हत्याकांड
वहीं अपने अगले ट्वीट में सीएम ने अजीत राय हत्याकांड का जिक्र करते हुए लिखा कि ‘वर्ष 2007 में आजमगढ़ में अजीत राय की कॉलेज में निर्मम हत्या सिर्फ इसलिए हो गई, क्योंकि उन्होंने वंदे मातरम् गाने की बात कही थी। स्वतंत्र भारत में कोई सरकार, संगठन या संस्था ‘वंदे मातरम्’ पर रोक लगाती है तो उसे उखाड़कर फेंक देना चाहिए।
सपा पर योगी का निशाना
वहीं समाजवादी पार्टी पर हमला करते हुए सीएम योगी ने लिखा कि ‘वर्ष 2017 में हमारी सरकार आई तो हमने सबसे पहला काम किसानों की कर्जमाफी का किया था। वर्ष 2012 में सपा की सरकार आई थी तो उसने सबसे पहले ‘श्री राम जन्मभूमि’ पर आतंकी हमला करने वाले आतंकवादियों के मुकदमे वापस लिए थे। यही अंतर है आपकी भाजपा सरकार में और परिवारवादी सरकार में।’