तेलंगाना:- तेलंगाना में शराब पीने वालों के लिए बड़ी खबर है. पीने के शौकीनों को इस बार थोड़ी महंगी कीमत पर शराब खरीदनी पड़ सकती है. दरअसल, तेलंगाना की कांग्रेस सरकार शराब की कीमतों में बढ़ोतरी करने पर विचार कर रही है, जिससे शराब महंगी होने की संभावना है. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पिछले सप्ताह यह प्रस्ताव रखा गया था और इस पर चर्चा भी शुरू हो गई है.
हालांकि, तेलंगाना राज्य में पिछले पांच सालों में यह तीसरी बार शराब की कीमतों में बढ़ोतरी हुई है और पिछले साल दिसंबर में सत्ता में आने के बाद से कांग्रेस सरकार द्वारा की गई पहली वृद्धि होगी. इससे पहले, साल 2022 में तत्कालीन बीआरएस सरकार ने सभी प्रकार की भारतीय निर्मित विदेशी शराब आईएमएफएल और बियर की कीमतों में आखिरी बार बढ़ोतरी की थी.
2020 में KCR सरकार ने की थी शराब की कीमती में बढ़ोत्तरी
वहीं, इससे पहले, केसीआर सरकार ने मई 2020 में कोविड-19 लॉकडाउन के पहले चरण के तुरंत बाद शराब की कीमती में बढ़ोत्तरी की थी. टीओआई की रिपोर्ट के अनुसार, पता चला है कि श मूल्य संशोधन केवल शराब तक ही सीमित नहीं होगा, बल्कि कंपनियों और डिस्टिलरी के लिए लाइसेंस और रजिस्ट्रेशन शुल्क भी शामिल होंगे. ऐसे में आबकारी विभाग के अधिकारियों द्वारा कुछ और विचार-विमर्श के बाद मूल्य संशोधन के बारे में एक स्पष्ट तस्वीर सामने आएगी और इसके बाद ही तेलंगाना राज्य पेय निगम तस्वीर में आएगा.
शराब से तेलंगाना सरकार ने कमा लिए 30000 करोड़ सा ज्यादा रुपए
पिछले कुछ सालों में तेलंगाना राज्य शराब से 30,000 करोड़ रुपए से ज्यादा कमा रहा है, हालांकि, राज्य गठन के पहले साल 2014 में यह केवल 10,000 करोड़ रुपये था. जबकि, राज्य में 500 से ज्यादा शराबों के ब्रांड उपलब्ध हैं. पिछले साल विधानसभा चुनाव से थोड़ा पहले, तत्कालीन बीआरएस सरकार ने कीमतों में मामूली कमी की थी.
आबकारी विभाग ने रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया की रद्द
टीएसबीसी ने आईएमएफएल और विदेशी शराब बीयर के अलावा पर मौजूदा विशेष उत्पाद शुल्क एसईसी दरों को कम करने की सिफारिश की थी, जिससे विभिन्न मात्राओं के लिए दरें 10 रुपये से घटकर 40 रुपये हो गई थीं. इसके अलावा तेलंगाना सरकार ने शराब कंपनी के खिलाफ आरोपों के बाद सोम डिस्टिलरीज और ब्रुअरीज के रजिस्ट्रेशन की प्रक्रिया को रद्द कर दिया गया है.
सोम डिस्टिलरीज एंड ब्रूअरीज पर कई उल्लंघनों का आरोप लगाया गया था, जिसमें दूसरे राज्यों में अवैध शराब की बिक्री भी शामिल है. वहीं, आबकारी विभाग ने जल्दबाजी में रजिस्ट्रेशन प्रक्रिया शुरू की थी, लेकिन अब इसे चुपचाप रद्द कर दिया गया है.