रायपुर। इससे पहले बजट सत्र की कार्यवाही शुरू होते ही प्रश्नकाल में मोहन मरकाम ने अपनी ही सरकार को सवालों में घेरा। उन्होंने कोंडागांव में डीएमएफ फंड के बंटवारे में बंदरबांट करने का आरोप लगाया है। सवाल किया गया कि आरईएस निर्माण एजेंसी है तो कब से सरकार में सप्लाई का काम कर रही है।
मोहन मरकाम ने मंत्री रविंद्र चौबे से पूछा, क्या इसमें जांच कराएंगे। क्या निर्माण एजेंसी सप्लाई का काम कर रही है। 7 करोड़ डीएमएफ के पैसे का बंदरबाट किया गया है। एक ही अधिकारी को बहुत से पद पर बैठाया गया है।
इस पर विपक्ष के सदस्य शिवरतन ने कहा कि खुद कांग्रेस के प्रदेश अध्यक्ष आरोप लगा रहे हैं। मंत्री को इस पर त्याग पत्र दे देना चाहिए। नारायण चंदेल ने कहा- पूरे प्रदेश में डीएमएफ में गड़बड़ी हो रही है। वहीं रुद्र गुरु- अभी तो पता चल रहा है, 15 साल में क्या हुआ बात सामने नहीं आई। वहीं मंत्री रविंद्र चौबे ने कहा कि मामला गंभीर है हम तो अध्यक्ष को धन्यवाद दे रहे हैं गंभीर मामले को उठाया
बृजमोहन अग्रवाल ने कहा- जो निर्माण एजेंसी है उसे क्रय करने का अधिकार है। क्या जो मरकाम जो कह रहे हैं 7 करोड़ का जांच करवाएंगे। रविंद्र चौबे ने कहा- हां अधिकार है आपके समय का नियम है, कलेक्टर को अधिकार है जिसको नोडल एजेंसी बनाए। मैं नहीं समझ रहा कि 7 करोड़ का पूरा बंदरबांट हुआ होगा। राज्य स्तर के अधिकारी भेजकर जांच करवा लूंगा।