नई दिल्ली. भारत के गांवों की दशा अब भले ही वैसी न रह गई हो जैसी 20 साल पहले थी लेकिन ऐसा सोचना कि ये अमीरी के मामले में दूसरे देश गावों को पछाड़ देंगे थोड़ी अतिश्योक्ति लगता है. हालांकि, यह सच है. एशिया का सबसे अमीर गांव जापान या चीन में नहीं बल्कि भारत में है. यह गांव गुजरात में स्थित है जिसका नाम माधापुर है. इस गांव में कुल 32,000 लोग रहते हैं. आपको जानकर हैरानी होगी कि इस गांव के लोगों ने 7000 करोड़ रुपये की एफडी करवाई हुई है.यह गांव भुज के बाहरी इलाके में है. यहां आपको देश के हर बड़े बैंक की ब्रांच मिल जाएगी. इस गांव की अमीरी का राज इसके बाशिंदों के वे परिचित हैं जो विदेशों में रहते हैं. वह जहां रहते हैं वहां पैसा जमा करने की बजाय वापस अपने गांव में भेज देते हैं. यह पटेल बहुत गांव हैं. गुजरात के पटेल दुनियाभर में फैले अपने बिजनेस के लिए जाने जाते हैं
इन देशों से आता है पैसाइस गांव के अधिकांश लोग अफ्रीकी देशों में रहते हैं और वहां के कंस्ट्रक्शन बिजनेस को डॉमिनेट करते हैं. कई ग्रामीणों के परिवार के लोग अमेरिका, ब्रिटेन, कनाडा, ऑस्ट्रेलिया और न्यूजीलैंड में भी रहते हैं. विदेश में रहने के बावजूद, ये लोग अभी भी अपनी जड़ों से जुड़े हुए हैं और अपने गांव में परिवर्तन ला रहे हैं. इकोनॉमिक टाइम्स ने जिला पंचायत की पूर्व अध्यक्ष पारुलबेन कारा के हवाले से बताया है, “कई ग्रामीण विदेश में रहते हैं और काम करते हैं, लेकिन वे अपने गाँव से जुड़े रहते हैं और अपने पैसे को जहाँ वे रहते हैं, वहाँ रखने के बजाय यहाँ के बैंकों में रखना पसंद करते हैं.”
गांव में सारी सुविधाएंगांव में एक बड़े बैंक के ब्रांच मैनेजर के अनुसार, “बड़ी जमाराशि ने इसे समृद्ध बनाया है. इसमें पानी, स्वच्छता और सड़क जैसी सभी बुनियादी सुविधाएं हैं. यहां बंगले, सरकारी और निजी स्कूल, झीलें और मंदिर हैं.” मधापुर में लगभग 20,000 घर हैं, जिनमें से लगभग 1,200 परिवार विदेश में रहते हैं. पैसों ज्यादा होने के कारण वह गांव में स्कूल, कॉलेज, स्वास्थ्य केंद्र, बांध, मंदिर और झीलें विकसित करने में सक्षम हैं. उन्होंने लंदन में मधापुर विलेज एसोसिएशन की स्थापना भी की है, जिसका उद्देश्य खुद को जोड़ना और विदेश में अपने गांव की छवि को बेहतर बनाना है.