: बांग्लादेश में शेख हसीना (Sheikh Hasina) सरकार का तख्तापलट हुए अभी एक महीना भी ढंग से नहीं हो पाया है और देश में आर्थिक संकट गहरा गया है. बांग्लादेश कंगाली की कगार पर आए गया है. मोहम्मद यूनुस (Muhammed Yunus) के नेतृत्व वाली देश की अंतरिम सरकार ने आईएमएफ (IMF), वर्ल्ड बैंक (World Bank) और एडीबी (ADB) की चौखट पर 8 अरब डॉलर की फंडिंग हासिल करने के लिए डेरा डाल लिया है.
आईएमएफ और वर्ल्ड बैंक समेत कई जगहों से मांगी मदद हिंदुस्तान टाइम्स की एक रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश को सामने कई संकट एक साथ आ खड़े हुए हैं. देश की नई सरकार इनसे जूझ रही है. इसलिए वह इंटरनेशनल मोनेट्री फंड, वर्ल्ड बैंक, जापान इंटरनेशनल कोऑपरेशन एजेंसी (JICA) और एशियन डेवलपमेंट बैंक समेत हर जगह मदद के लिए हाथ फैला रहे हैं. राजनीतिक क्रांति से पैदा हुआ यह आर्थिक संकट उसे पाकिस्तान जैसे हालत की ओर धकेल रहा है. रिपोर्ट के अनुसार, बांग्लादेश के ऊपर इस समय 100 अरब डॉलर का विदेशी कर्ज है. साथ ही उन्हें 3 अरब डॉलर के पेमेंट करने हैं. इसके अलावा बाढ़ राहत के कार्यों में भी देश को लगभग 30 करोड़ डॉलर खर्च करने हैं. अक्टूबर में आईएमएफ टीम ढाका जाकर करेगी वार्ता रिपोर्ट में दावा किया गया है कि आईएमएफ की एक टीम अक्टूबर में ढाका जाकर अंतरिम सरकार से वार्ता करने वाली है. आईएमएफ ने शेख हसीना सरकार को जनवरी, 2023 में स्वीकृत 4.7 अरब डॉलर के पैकेज में से 2.3 अरब डॉलर दे दिए थे. अब मोहम्मद यूनुस लगभग 5 अरब डॉलर और मांग रहे हैं. बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के जाने के बाद जमात-ए-इस्लामी पर से बैन हटा दिया गया है. हिंदुओं समेत अन्य अल्पसंख्यकों पर हमले बढ़े हैं. अब इस आर्थिक संकट ने राजनीतिक परेशानियों में फंसे बांग्लादेश की हालत बदतर कर दी है.
खाद्य महंगाई ने 13 सालों का रिकॉर्ड तोड़ा, किल्लत भी हो रही जुलाई में देश में खाद्य महंगाई दर 14 फीसदी पहुंच गई है. यह 13 सालों में सबसे ज्यादा आंकड़ा है. जनता को खाने-पीने के सामानों के बहुत ज्यादा दाम चुकाने पड़ रहे हैं. कई जगहों पर किल्लत की रिपोर्ट भी सामने आई हैं. बांग्लादेश में भारत की भी कई कंपनियां काम करती हैं. इनका कारोबार भी समस्या में फंस गया है. साथ ही कई कंपनियों के पुराने पेमेंट भी अटक गए हैं.