जगदलपुर: बस्तर विकास प्राधिकरण के अध्यक्ष लखेश्वर बघेल ने कहा कि बस्तर की अलग-अलग जनजातियों की संस्कृति, परंपरा कला को बढ़ावा देने बस्तर एकेडमी का कार्य यह अंतिम चरण में है।
श्री बघेल ने बताया कि आसना में करीब 1.50 करोड़ की लागत से बस्तर एकेडमी तैयार हो चली है, यहां युवाओं को प्रशिक्षण देने के साथ ही पर्यटकों को बस्तर की संस्कृति परम्परा आदि से अवगत कराया जाएगा। उन्होंने कहा कि एकेडमी से बस्तर को अलग पहचान मिलेगी।
एकेडमी में शिक्षण संस्थान, प्रशिक्षणार्थियों का हाॅस्टल, सैलानियों के लिए हाॅट आदि का निर्माण किया जा रहा है। बस्तर आने वाले विदेशी सैलानियों के लिए हाॅट आदि का निर्माण किया जा रहा है। विदेशी सैलानी यहां की आदिवासी संस्कृति व परम्परा को करीब से देखना चाहते हैं, बस्तर एकेडमी में सैलानियों को आसानी से अवगत होने व समझने का अवसर मिलेगा।
श्री बघेल ने बताया कि एकेडमी के माध्यम से आदिवासी संस्कृति व परंपरा को बढ़ावा मिलेगा। वर्तमान युवा पीढ़ी आधुनिकता के कारण पुरानी संस्कृति व परंपरा से दूर होती जा रही थी। बस्तर एकेडमी का निर्माण अंतिम चरण में है और जल्दी ही युवाओं को प्रशिक्षण मिलेगा।