*भोपाल:-* प्रेग्नेंसी में आमतौर पर हेल्दी चीजों को खाने की सलाह दी जाती है. डॉक्टर भी मां और होने वाले बच्चे के लिए प्रेग्नेंसी के दौरान पोषण युक्त फूड पर फोकस करने की सलाह देते हैं. लेकिन इस दौरान मां को कई चीजों का स्वाद चखने की क्रेविंग होती है और वो इस दौरान मनपंसद खाना खाने की कोशिश करती है. क्रेविंग के चलते प्रेग्नेंसी में मनपंसद खाना सही है लेकिन इस दौरान अल्ट्राप्रोसेस्ड और फास्ट फूड को अवॉइड करना चाहिए. खासकर इस दौरान डिब्बा बंद और प्रोसेस्ड फूड को खाने से बचना चाहिए. चलिए जानते हैं कि प्रेग्नेंसी के दौरान किन चीजों को खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए. *क्या कहती है स्टडी*इन्वायरमेंटल इंटरनेशनल रिसर्च में छपी एक स्टडी में कहा गया है कि गर्भवती महिलाओं को चीज बर्गर और बॉक्स में पैक होकर आने वाली पेस्ट्रीज खाने से पहले दो बार सोचना चाहिए. रिपोर्ट में कहा गया है कि ऐसे फूड जो प्रोसेस्ड किए गए हों और प्लास्टिक की पैकिंग में आते हों,वो प्रेग्नेंट महिलाओं को नुकसान कर सकते हैं. रिसर्च में कहा गया है कि जिन फूड को प्लास्टिक में रैप और पैक किया जाता है, वो फूड प्लास्टिक में मिले कैमिकल पैथलेट के संपर्क में आकर शरीर को नुकसान करते हैं. यहां तक कि फूड डिलीवरी करने वाले व्यक्ति के हाथों में पहने प्लास्टिक के दस्ताने भी फूड में रिएक्शन कर सकते हैं जिससे मां और होने वाले बच्चे की सेहत को खतरा हो सकता है. एक बार ये कैमिकल शरीर में पहुंच जाए तो रक्त कोशिकाओं में पहुंच जाता है और प्लेसेंटा के जरिए ये गर्भ में पल रहे बच्चे के खून में जाकर मिल जाता है. मां के साथ साथ बच्चे को भी नुकसान प्लास्टिक में पाए जाने वाले इस खतरनाक कैमिकल से शरीर को बहुत नुकसान होता है. ये मां के शरीर में खून में घुलता है और बच्चे के भी खून में घुलकर ऑक्सिडेटिव तनाव को जन्म देता है.इससे पेट में पल रहे भ्रूण के विकास पर बहुत बुरा असर पड़ता है. अगर ये भ्रूण के खून में मिल जाए तो बच्चे के जन्म के समय उसका कम वजन, समय से पहले डिलीवरी और बच्चे के मानसिक विकास पर असर पड़ता है. इससे मेंटल हेल्थ संबंधी डिस्ऑर्डर जैसे ऑटिज्म और एडीएचडी जैसे रिस्क हो सकते हैं. आपको बता दें कि ये पहली स्टडी है जिसमें प्रेग्नेंट महिलाओं के लिए अल्ट्रा प्रोसेस्ड फूड के रिस्क बताए गए हैं और ये रिस्क पेथलेट कैमिकल के एक्सपोजर से जुड़े हैं।