: इंटरनेशनल डे ऑफ वुमेन एंड गर्ल्स इन साइंस हर साल 11 फरवरी को मनाया जाता है. यह दिन संयुक्त राष्ट्र द्वारा साइंस, टेक्नोलॉजी, इंजीनियरिंग और मैथमेटिक्स (STEM) फील्ड में महिलाओं की पूर्ण और समान पहुंच व भागीदारी को बढ़ावा देने के लिए मनाया जाता है.इस साल साइंस असेंबली में महिलाओं और लड़कियों का नौवां अंतर्राष्ट्रीय दिवस है. दरअसल, इस दिन का महत्व साइंस में महिलाओं और लड़कियों की भूमिका को पहचानते हुए, एसडीजी 16 और 17 की उपलब्धि की दिशा की प्रगति में तेजी लाना है. साइंस असेंबली में महिलाओं और लड़कियों के 9वें अंतर्राष्ट्रीय दिवस की मेन थीम “वुमेन एंड गर्ल्स इन साइंस लीडरशिप, ए न्यू एरा ऑफ सस्टेनेबिलिटी” है. जबकि सब थीम ‘थिंक साइंस…थिंक पीस’ है.
14 मार्च, 2011 को, महिलाओं की स्थिति पर आयोग ने अपने 55वें सत्र में एक रिपोर्ट को अपनाया, जिसमें एजुकेशन, ट्रेनिंग और साइंस एंड टेक्नोलॉजी में महिलाओं और लड़कियों की पहुंच और भागीदारी पर सहमत निष्कर्ष और महिलाओं की समान पहुंच को बढ़ावा देना शामिल था.
जनरल असेंबली ने 20 दिसंबर 2013 को, डेवलपमेंट के लिए साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन पर एक प्रस्ताव अपनाया था, जिसमें यह माना गया कि सभी उम्र की महिलाओं और लड़कियों के लिए साइंस, टेक्नोलॉजी और इनोवेशन तक पूरी और समान पहुंच व भागीदारी अनिवार्य है, ताकि लैंगिक समानता और महिलाओं व लड़कियों का सशक्तिकरण हो सके.