छत्तीसगढ की राजनीति में इतनी खास क्यों हैं महिलाएं, अंकगणित से समझें पॉलिटिकल पार्टियों का प्लानछत्तीसगढ़ में महिला वोटर्स को अपने पाले में लाने के लिए तमाम पॉलीटिकल पार्टियां वादों, योजनाओं और घोषणाओं का उपयोग कर रही हैं। छत्तीसगढ़ में महिला मतदाताओं की संख्या निर्णायक भूमिका में है। यही वजह है कि सभी राजनीतिक पार्टियां इस लोकसभा चुनाव में महिलाओं को लुभाने की पूरी कोशिश कर रही हैं।
महिलाओं को लुभाने की कोशिश में राजनीतिक पार्टियांछत्तीसगढ़ मे निर्णायक भूमिका में हैं महिला वोटर्सगेम चेंजर हो सकती है महतारी वंदन योजना
छत्तीसगढ की राजनीति में इतनी खास क्यों हैं महिलाएं?
रायपुर: छत्तीसगढ़ में महिलाओं की सरकार बनाने में क्या भूमिका रहती है, यह तो विधानसभा चुनाव के नतीजे से सबके सामने आ ही गया है। छत्तीसगढ़ में महिला वोटर्स की निर्णायक भूमिका रहती है। यही कारण है कि चुनाव से पहले महिलाओं को लेकर तमाम पार्टियों की पॉलिटिकल स्ट्रेटजी तैयार होने लगती है। महिलाओं के लिए तमाम वादे और योजनाओं की घोषणा होती है, जिससे वोट के रूप में उनका आशीर्वाद मिले।Mahtari Vandan Yojana: जिन महिलाओं ने नहीं किया आवेदन उन्हें मौका देगी सरकार, जानें कैसे मिलेंगे हर महीने एक हजार रुपएलोकसभा चुनाव की घड़ी नजदीक है, फिर से महिलाओं पर सभी पार्टियां केंद्रित हो गई हैं।
छत्तीसगढ़ में अंकगणित भी इस बार महिलाओं के पक्ष में देखा गया है, क्योंकि यहां पुरुष वोटर से ज्यादा महिला वोटर हैं।विधानसभा चुनाव के दौरान छत्तीसगढ़ में 2 करोड़ तीन लाख 60 हजार 240 मतदाता रहे हैं। इनमें से एक करोड़ एक लाख 20 हजार 830 पुरूष मतदाता हैं, जबकि एक करोड़ दो लाख 39 हजार 410 महिला मतदाता और 790 थर्ड जेंडर मतदाता शामिल हैं।
सूबे में महिलाओं की संख्या पुरुषों के मुकाबले 1 लाख 18 हजार 580 अधिक है। यही वजह है कि दल महिला मतदाताओं को अपने पाले में करने की कोशिश करते हैं।Mahtari Vandan Yojana: ‘पूरी हो रही है मोदी की एक और गारंटी’, वित्त मंत्री ने बताई पैसे ट्रांसफर करने की फाइनल डेटमहिलाओं ने जिताया विधानसभा चुनाव?
बीजेपी की ओर से अमित शाह ने 3 नवंबर को ही चुनावी घोषणाओं का एलान किया था। इसमें महिलाओं को 12 हजार रुपए सालाना दिए जाने की बात हुई। इसे सरकार बनने के बाद महतारी वंदन योजना के नाम से जाना गया। बीजेपी के घोषणा पत्र के बाद 5 नवंबर को जब कांग्रेस के घोषणा पत्र का ऑफिशियल अनाउंसमेन्ट किया गया। उसमें बीजेपी की इस महिलाओं से जुड़ी योजना का कोई जिक्र नहीं था।
महिला वोटरों के लिए केंद्र का तगड़ा दांव तो AAP-कांग्रेस भी नहीं पीछे, क्यों मची है आधी आबादी को लुभाने की होड़पहले चरण के चुनाव के बाद तत्कालीन सीएम भूपेश बघेल ने अचानक इस योजना का ऐलान किया। क्यों कि बीजेपी अपने वादे में 12 हजार रुपए सालाना महिलाओं को देने की बात कह चुकी थी, इसके जवाब में कांग्रेस ने 15 हजार रुपए सालाना देने की घोषणा कर दी। यह ऐलान बीते धनतेरस को किया गया, लेकिन इस बात का असर महिलाओं तक नहीं पहुंचा औऱ बीजेपी को महिलाओं का भरपूर आशीर्वाद मिला।