फरीदाबाद का नाम सूफी संत बाबा फरीद के नाम पर पड़ा. फरीद नाम अरबी भाषा से लिया गया है, जिसका अर्थ होता है अतुलनीय, मतलब जिसकी तुलना नहीं की जा सके. तो फरीदाबाद को ऐसा शहर कह सकते हैं जिसकी तुलना किसी शहर से नहीं की जा सकती. देश की राजधानी दिल्ली से इसकी सीमा लगे होने के कारण फरीदाबाद औद्योगिक क्षेत्र में तेजी से तरक्की हुई.शुरू में फरीदाबाद और गुरुग्राम एक ही जिले में आते थे, लेकिन देश के बंटवारे के समय पाकिस्तान से आने वाले विस्थापितों के लिए एक नए शहर को बसाया गया जो बना फरीदाबाद. भारत के पहले राष्ट्रपति डॉ. राजेंद्र प्रसाद को फरीदाबाद विकास बोर्ड का चेयरमैन नियुक्त किया गया और सुधीर बोस को फरीदाबाद के पहले मुख्य प्रशासनिक अधिकारी के तौर पर नियुक्त किया गया. इस बोर्ड में लेडी नाई, सालार सुखराम, सरदार गुरबचन सिंह को मनोनित सदस्य बनाया गया. बोर्ड ने इस औद्योगिक शहर के विकास की नींव रखी जो आज तक जारी है.फरीदाबाद का इतिहासपहले फरीदाबाद एक गांव के रुप में मुगलकाल यानी अकबर की हुकूमत के दौर में अस्तित्व में था और अकबर की हुकूमत का हिस्सा हुआ करता था.
इतिहास के सुनहरे पन्नों में फरीदाबाद की स्थापना का श्रेय बाबा फरीद को दिया गया है. इतिहास की किताबों के अनुसार मुगल बादशाह जहांगीर ने अपने राज्य के कोषालय को संभालने की जिम्मेदारी सूफी संत बाबा फरीद को दी थी. बादशाह जहांगीर के कोषाध्यक्ष रहे बाबा फरीद ने मुगल शासन में देश के विकास के लिए बनाई गई ट्रंक रोड के किनारे पर फरीदाबाद की स्थापना 1607 में की.इसके बाद फरीदाबाद को बल्लभगढ़ के अधीन कर दिया गया.
भारत में ईस्ट इंडिया के बढ़ते प्रभाव के चलते अंग्रेजों ने फरीदाबाद को भी अपने कब्जे में ले लिया. 1947 में देश के आजाद होने के बाद 1950 में पाकिस्तानी विस्थापित लोगों को बसाने के लिए इस शहर के नए सिरे से विकास करने का फैसला लिया गया. विस्थापितों के रहने, खाने और कमाने की चिंता को देखते हुए भारत सरकार ने यहां तीव्र विकास के लिए उद्योग लगाने शुरू कर दिए.गुरुग्राम से अलग हुआ फरीदाबादफरीदाबाद की आबादी तेजी से बढ़ रही थी और तब फरीदाबाद-गुरुग्राम जिले एक तहसील हुआ करती थी. फरीदाबाद से गुरुग्राम की दूरी लगभग 40 किलोमीटर थी.
ऐसे में बढ़ती जनसंख्या की मूलभूत और प्रशासनिक जरूरतों के लिए इतनी दूर आना-जाना आसान नहीं होता था. भारत सरकार ने 17 अगस्त 1979 को एक आदेश के जरिए फरीदाबाद को गुरुग्राम से अलग कर के एक नए जिले के रुप में मान्यता दे दी और इसके बाद इस शहर ने तेजी से औद्योगिक विकास किया और राजधानी दिल्ली की आर्थिक ताकत बन कर उभरा.भारत का प्रमुख औद्योगिक शहर है फरीदाबादहरियाणा का सबसे बड़े शहर होने का सम्मान फरीदाबाद को मिला हुआ है.
औद्योगिक मामलों में फरीदाबाद एक महत्वपूर्ण स्थान रखता है. आज फरीदाबाद में लगभग हर बड़ी कंपनी ने निर्माण इकाईयां स्थापित की हुई हैं. राजधानी दिल्ली के नजदीक होने का फायदा भी फरीदाबाद को मिल रहा है और यहां बनने वाली मशीनरी देश के बाहर निर्यात की जा रही हैं.वहीं रेल, हवाई और सड़क मार्ग से सीधे जुड़े होने के चलते फरीदाबाद आने-जाने वाले कारोबारियों के लिए काफी कुछ आसान हो जाता है.