ब्रिटेन की एक छोटी और नई कंपनी को भारत में सौर ऊर्जा की तकनीक सप्लाई का बड़ा ऑर्डर मिला है। बता दें कि इस ऑर्डर के तहत कंपनी गुजरात के मुंद्रा में 2.0 गीगावाट के सौर पैनल लगाने के लिए तकनीक की सप्लाई करेगी, जिसके लिए कंपनी को 40 लाख पाउंड (जीबीपी) मिलेंगे। कंपनी इसे लेकर उत्साहित है। खबर के अनुसार, ब्रिटेन के सरे में स्थित मध्यम वर्ग की कंपनी गैर रिकवरी एंड रिसाइकिल लिमिटेड (GR2L) को यह ऑर्डर मिला है।
ब्रिटेन सरकार ने की ऑर्डर पाने में मदद
दरअसल इस कंपनी का दावा है कि उसने एक नई तकनीक विकसित की है, जिसकी मदद से सौर पैनल्स में ऊर्जा की खपत, कार्बन फुटप्रिंट और उत्पादन के खर्च में कमी आएगी। भारत के इस ऑर्डर को पाने में ब्रिटेन सरकार की निर्यात क्रेडिट एजेंसी यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस ने मदद की और कंपनी के बॉन्ड के बदले 4,75,000 पाउंड की गारंटी जारी की। इसकी मदद से कंपनी को भारत का यह ऑर्डर मिला। बता दें कि कंपनी की इस तकनीक में सौलर पैनल बनाने में एरगोन गैस का इस्तेमाल कर सिलिकॉन क्रिस्टिल्स साफ किए जाते हैं, जिन्हें बाद में सोलर सेल्स में इस्तेमाल किया जाता है। इस प्रक्रिया में बड़ी मात्रा में एरगोन गैस की जरूरत होती है।
जानिए क्या होगा नई तकनीक का फायदा
जीआर2एल कंपनी का दावा है कि उनके द्वारा विकसित की गई तकनीक में एरगोन मशीनरी सोलर सेल्स का उत्पादन भी करती है और साथ ही माइक्रोइलेक्ट्रोनिक प्रोडक्शन, 3डी मेटल प्रिंटिंग और एयरोस्पेस हीट ट्रीटमेंट भी करती हैं। इससे एरगोन गैस का 95 प्रतिशत तक रिसाइकिल होती है। अब कंपनी अपनी इसी तकनीक को मुंद्रा सोलर टेक्नोलॉजी लिमिटेड को सप्लाई करेगी, जो गुजरात के मुंद्रा में बहुत बड़ा सौलर प्लांट लगाने जा रही है। कंपनी ने बयान जारी कर कहा कि लॉयड बैंक और ब्रिटिश सरकार के यूके एक्सपोर्ट फाइनेंस विभाग ने इस ऑर्डर को पाने में उनकी मदद की। कंपनी ने कहा है कि 2023 के अंत तक उनकी मशीनरी की सप्लाई कर दी जाएगी।