सुपरस्टार रजनीकांत और ऐश्वर्या राय बच्चन मूवी ‘रोबोट’ तो आपको याद ही होगी। कैसे इस फिल्म में एक रोबोटिक कैरेक्टर ‘चिट्टी’ इंसानों की तरह सोचता है, इंसानों की तरह ही इमोशन रखता है। हॉलीवुड की फिल्मों में तो अक्सर ऐसा देखने को मिलता है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के आने के बाद तो दुनिया में सबकुछ बदलने लगा।
अब एक वैज्ञानिकों ने एक ऐसा कंप्यूटर बना लिया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस से भी कई कदम आगे है। आइए जानते हैं इस कंप्यूटर के बारें में..वैज्ञानिकों का कहना है कि उन्होंने ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस की मदद से एक ऐसा कंप्यूटर बनाया है, जो आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस को भी मात दे देगा।
इस कंप्यूटर को मानव मस्तिष्क की कोशिकाओं से बनाया गया है और इसका नाम बायो कंप्यूटर रखा है। अमेरिका की जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के वैज्ञानिकों ने इसके बारें में बताते हुए कहा, ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस बिल्कुल अलग और खास है। इसे चिप या दूसरी तरह से डिवाइस में यूज किया जाता है। ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस लैब में तैयार ऑर्गन्स से जुड़ा है।
साइंटिस्ट जिन टिश्यूज की हेल्प से लैब में ह्यूमन ब्रेन सेल्स बना रहे हैं, ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस उनकी मदद से ही काम करेगा।बायो कंप्यूटर को डेवलप कर रहे साइंटिस्ट्स का दावा है कि यह कंप्यूटर बिल्कुल इंसानी दिमाग की तरह ही काम करेगा। मतलब अगर कोई फैसला लेना है तो बायोकंप्यूटर्स को किसी इंसान की दरकार नहीं होगी।
इस रिसर्च टीम का हिस्सा जॉन हॉप्किंस यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर थॉमस हार्टंग ने बताया कि इसी तरह से तैयार प्रोग्राम की मदद से ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस को इंप्लीमेंट किया जा रहा है। आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस और ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस में कितना अंतर है तो बता दें कि आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस (AI) इंसानी दिमाग के मुकाबले काफी तेजी से कैलकुलेशन कर सकता है। फैसला लेने के लिए इसे इंसानों की जरूरत पड़ती है।
लेकिन ऑर्गेनॉयड इंटेलिजेंस (OI) एआई से काफी बेहतर बताया जा रहा है। वैज्ञानिकों की माने तो ओआई इंसानों की तरह ही सोच-समझकर किसी भी डिसीजन को ले सकता है। दावा है कि बायो कंप्यूटर एआई से लैस सिस्टम की तुलना में ज्यादा सटीक और लॉजिकल फैसले ले पाएगा।